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नए AG विनोद घई की नियुक्ति पर गरमाई सियासत,विरोधी बोले- बर्खास्त हेल्थ मिनिस्टर और मूसेवाला का लड़ चुके हैं केस

एडवोकेट विनोद घई की नए AG के रूप में नियुक्ति पर बहबल इंसाफ मोर्चा के संचालकों ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे बरगाड़ी बेअदबी और बहबल कलां फायरिंग मामले में इंसाफ मांग रहे पंजाबियों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है.

एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू द्वारा इस्तीफा देने के बाद एडवोकेट विनोद घई को नया एजी नियुक्त कर दिया है. अब घई की नियुक्ति का भी विरोध शुरू हो गया है. बहबल इंसाफ मोर्चा और हरियाणा एसजीपीसी के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल का कहना है कि डेरामुखी का केस लड़ने वाले एडवोकेट को एजी नियुक्त क्यों किया गया? एडवोकेट विनोद घई की नए एजी के रूप में नियुक्ति पर बहबल इंसाफ मोर्चा के संचालकों ने आपत्ति जताई है. उन्होंने इसे बरगाड़ी बेअदबी और बहबल कलां फायरिंग मामले में इंसाफ मांग रहे पंजाबियों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है. बहबल कलां फायरिंग मामले में हताहत गांव बहबल खुर्द वासी कृष्ण भगवान सिंह के पुत्र व बहबल इंसाफ मोर्चा के संचालक करण सुखराज सिंह ने बताया कि घई इससे पहले पंचकूला अदालत में चले मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की ओर से मामले की पैरवी करते रहे हैं.

इसके अलावा यह कांग्रेस सरकार के घोटालों में फंसे एक मंत्री व पुलिस अधिकारी के मामले की पैरवी कर चुके हैं. ऐसे में घई की नियुक्ति से इस मामले में बंधी इंसाफ की आस खत्म हो गई है. पंजाब में 10 महीने में घई 5वें एजी होंगे. अनमोल मार्च में एजी बने थे, हालांकि उनका कहना है कि उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि सिद्धू का कई मामलों को लेकर सरकार से मतभेद चल रहा था. कहा जा रहा है कि विवाद मुख्य एजी ऑफिस में लॉ अफसरों की नियुक्ति को लेकर था. केंद्रीय एससी कमीशन ने इस मामले में सरकार को रिजर्वेशन देने को कहा था. हालांकि सिद्धू का कहना था कि रिजर्वेशन की बजाय काबिलियत देखी जाए. राज्य सरकार एससी कमीशन के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गई थी कि अचानक सरकार ने याचिका वापस ले ली. विपक्ष ने मान सरकार के फैसले का जमकर विरोध किया था. इसके बाद मान सरकार को यू-टर्न लेना पड़ा. वहीं, 2015 के बेअदबी के मामलों में सरकार को काफी निराशा झेलनी पड़ी है.

दिल्ली के दबाव में है मान सरकार

शिअद के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत चीमा ने आरोप लगाया है कि  मान सरकार पर दिल्ली का दबाव है. मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, फिर डीजीपी वीके भावरा और अब एडवोकेट जनरल ने इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल के फरमान लागू करने को अफसरों पर दबाव बनाया जाता है. उधर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि मान सरकार चन्नी सरकार के रास्ते पर चल रही है. चन्नी सरकार में पहले डीजीपी, फिर एजी हटे थे. स्क्रिप्ट वही है, पात्र बदल गए हैं. पहले कठपुतलियां हरीश रावत नचा रहे थे, अब राघव चड्‌ढा.

कौन हैं नए एजी विनोद घई?

घई पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक शीर्ष आपराधिक मामलों के वकील हैं. 1 जून 1966 को जन्मे घई ने 1989 में पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से एलएलबी किया. उन्हें मई 2012 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस घई के पुत्र हैं. बेअदबी और अन्य मामलों में विनोद घई डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के वकील रह चुके हैं. वह पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला और कांग्रेस के पूर्व विधायक भारत भूषण आशु के वकील भी रह चुके हैं.

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Pooja Pandey

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