पश्चिम बंगाल सरकार ने कई हस्तियों को बंग विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया है. आज शाम चार बजे महानगर कोलकाता के नजरुल मंच पर आयोजित कार्य.कार्यक्रम में यह पुरस्कार दिया जाएगा.

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने बंगाल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘बंग विभूषण’ लेने से इनकार कर दिया है। यह विशेष सम्मान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दिया जाता है। सेन के इस फैसले को लेकर उनकी बेटी अंतरा देव सेन ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि अमर्त्य सेन फिलहाल भारत में नहीं हैं। वे अभी किसी महत्वपूर्ण काम से यूरोप गए हैं। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित होने का सौभाग्य मिला है, और वह चाहते हैं कि ‘बंगविभूषण’ अब दूसरों को दिया जाए।
सेन ने जुलाई के पहले सप्ताह में सरकार को सूचित कर दिया था
बताया जा रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही सेन ने राज्य सरकार के अधिकारियों से संपर्क किया था कि वह भारत में नहीं होंगे जब प्रस्तुति समारोह होगा। इसका आयोजन सोमवार को कोलकाता में होना है।
कहीं बंगाल सरकार में भ्रष्टाचार तो इसकी वजह नहीं?
बंगाल की सियासत में इस बात की अटकलें भी लगाई जा रही है कि हाल में बंगाल सरकार में भ्रष्टाचार भी इसके पीछे की वजह हो सकती है। हालांकि, अमर्त्य सेन ने इस बात की अभी पुष्टि नहीं की है।
वाम दल ने पुरस्कार नहीं लेने की अपील की थी
बता दें कि माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती द्वारा सेन सहित संभावित प्राप्तकर्ताओं से टीएमसी सरकार से पुरस्कार प्राप्त नहीं करने की अपील की है। माकपा ने इसके पीछे भ्रष्टाचार को वजह बताई है।
बीते शनिवार को सेन के नाम की घोषणा की गई थी
बंगाल सरकार की ओर से बंग विभूषण पुरस्कार के लिए अमर्त्य सेन को नामित किया गया था और शनिवार को उनके नाम की घोषणा की गई। लेकिन अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने इसे लेने से इनकार कर दिया है। बंग विभूषण बंगाल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।