चार वर्ष पहले ऑस्ट्रेलिया में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया का कहना है कि वह इस बार फिर इतिहास दोहराएंगे। टोक्यो ओलंपिक में इंजरी के चलते बेशक वह देश को कांस्य पदक दिला सके थे, लेकिन उनसे देशवासियों को सदैव सोने की ही उम्मीद रहती है।

राष्ट्रमंडल खेलों में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया का कहना है कि वह इस बार फिर इतिहास दोहराएंगे। टोक्यो ओलंपिक में इंजरी के चलते बेशक वह देश को कांस्य पदक दिला सके थे, लेकिन उनसे देशवासियों को सदैव सोने की ही उम्मीद रहती है। राष्ट्रमंडल खेलों में इसी उम्मीद को पूरा करने के लिए वह फिलहाल अमेरिका के मिशिगन में पसीना बहा रहे हैं।
विश्व में नंबर पांच रैंकिंग वाले ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया अब इंग्लैंड के बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में 65 किलो भार वर्ग में सोना जीतने की तैयारी में जुटे हैं। मूलरूप से झज्जर के गांव खुड्डन फिलहाल सोनीपत के मॉडल टाउन निवासी बजरंग पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों में बेहतर प्रदर्शन के लिए अमेरिका में अभ्यास कर रहे हैं। ओलंपियन बजरंग पूनिया ने कहा कि इस प्रतियोगिता में आने वाले सभी पहलवान अपने-अपने देश के सर्वश्रेष्ठ होंगे।
हालांकि उनका मानना है कि प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूंगा। एकमात्र लक्ष्य सोना जीतना है। इसके लिए वह विदेशी प्रशिक्षक और पार्टनर के साथ सुबह-शाम पांच घंटे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने माना कि अमेरिका का बेहतर मौसम उन्हें तैयारियों में फायदा देगा। यहां पर तापमान अभ्यास के लिए काफी बेहतर है। साथ ही यहां रहकर मैं सिर्फ अभ्यास पर ध्यान दे रहा हूं।
अपने शहर में रहकर अभ्यास में कई बार कुछ काम होने पर वह पूरा फोकस नहीं कर पाते। सुबह-शाम पांच घंटे अभ्यास के बाद वह सामने आने वाली कमियों को वीडियो विश्लेषण के माध्यम से दूर करते हैं। इसके साथ ही नई तकनीक और अन्य चीजों के बारे में बारीकी से बताया जाता है। बजरंग पूनिया ने कहा कि वह राष्ट्रमंडल खेलों में हर बाधा को पार करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में देश को सोना दिलाया है। स्वर्ण पदक पहलवान का हौसला बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि बर्मिंघम के लिए 2 अगस्त को रवाना होंगे। उनका मुकाबला 5 अगस्त को कुश्ती है। पदक जीतकर लौटने के बाद सितंबर में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लूंगा।
बजरंग का मेडल जीतने का सफर
- अप्रैल 2018 में ऑस्ट्रेलिया में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक।
- अगस्त 2018 में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक।
- अक्तूबर 2018 में हंगरी में हुई विश्व कुश्ती प्रतियोगिता में रजत पदक।
- अप्रैल 2019 में चीन में हुई एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- मई 2019 में बुल्गारिया में हुए अली अलीयेव अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक।
- अगस्त 2019 में जॉर्जिया में हुए तिबलिस अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक।
- वर्ष 2013 व 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य।
- वर्ष 2014 राष्ट्रमंडल व एशियन गेम्स दोनों में रजत पदक।
- टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक।