सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. इस माह में भगवान शिव की पूजा में इन चीजों को शामिल करने से मनचाहा फल मिलने की मान्यता है.

सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. इस महीने में भगवान शिव की विधिवत पूजा करने का विधान है. कहा जाता है कि सावन के पवित्र महीने के दौरान, भक्त सोमवार का व्रत रखते हुए भगवान शिव की पूजा करते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना करते हैं. सावन माह में लोग नियमित रूप से भगवान शिव के मंदिर जाते हैं. वहां उनकी पूजा में उनकी प्रिय चीजें अर्पित करते हैं. इससे भगवान शिव भक्तों पर प्रसन्न होकर उनको मनचाहा फल और वर प्राप्ति का आशीर्वाद दते हैं. आइये जानें सावन माह में भगवान शिव की पूजा में क्या –क्या शामिल किया जाता है जिससे उनकी कृपा प्राप्त होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में भगवान शिव को अलग-अलग फूल अर्पित करने से अलग फल की प्राप्ति होती है. जानें भगवान शिव को कौन से प्रिय फूल अर्पित किए जा सकते हैं.
गुलाब और अलसी के फूल-
गुलाब का फूल अर्पित करने से घर में धन समृद्धि आती है. साथ ही जातक और उसके घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. वहीं, सावन में अलसी के फूल अर्पित करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है.
बेले के फूल-
मान्यता है कि विवाह में हो रही देरी या अड़चनों को दूर करने के लिए सावन शिवरात्रि या फिर महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को बेले का फूल अर्पित करें. ऐसा करने से विवाह का योग प्रबल होता है और जल्दी शादी हो जाती है.
चमेली के फूल-
अगर किसी कार्य में सफलता नहीं मिलती या फिर बनते काम बिगड़ रहे हैं, तो भगवान शिव को चमेली का फूल अर्पित कर दें. सावन में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के बाद अपनी कामना कहते हुए भगवान शिव को चमेली के फूल अर्पित करें.
धतूरे का फूल-
शिवपुराण के अनुसार शिव जी की पूजा धतूरे के बिना अधूरी मानी जाती है. इसलिए शिव जी की पूजा करते समय धतूरे के फल के साथ फूल अवश्य चढ़ाएं. ऐसा करने से व्यक्ति को हर दुखों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि मिलती है. मान्यता है कि शिवलिंग पर धतूरे का फूल अर्पित करने से संतान प्राप्ति होती है.
मदार का फूल-
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शिव जी को मदार के फूल भी बेहद प्रिय हैं. मदार को आक, आंकड़े के नाम से भी जाना जाता है. अगर सावन में भगवान शिव को मदार के फूल अर्पित किए जाएं, तो मोक्ष की प्राप्ति होती है.