उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 31 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड की मूल केस डायरी गायब कराने के आरोप में माफिया मुख्तार अंसारी और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में मामला दर्ज किया गया है

बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मुख्तार पर 31 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। कैंट थाने में यह एफआईआर कचहरी पुलिस चौकी के प्रभारी विनोद कुमार मिश्र ने लिखाई है।
चौकी प्रभारी ने मुख्तार पर अवधेश राय हत्याकांड के मुकदमे की मूल केस डायरी गायब कराने का आरोप लगाया है। अवधेश राय, कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई थे। उनकी घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जून 2022 को पता चला केस डायरी है गायब
3 अगस्त, 1991 को अवधेश राय लहुराबीर स्थित अपने घर के सामने थे। तभी उन पर हमला हुआ और पूरा शरीर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। उनके भाई पूर्व मंत्री अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान जून 2022 में पता लगा कि मूल केस डायरी ही गायब है। बनारस से लेकर प्रयागराज तक के न्यायालय में काफी खोजबीन की गई। इसके बाद भी मुकदमे की मूल केस डायरी नहीं मिल सकी।
”फायदा उठाना चाहता है माफिया”
पुलिस के अनुसार, इंटर स्टेट गैंग-191 के सरगना मुख्तार अंसारी ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर मूल केस डायरी गायब करा दी है। इसके पीछे मुख्तार अंसारी का उद्देश्य मुकदमे में अनुचित तरीके से लाभ लेना है। मूल केस डायरी गायब होने की वजह से मुकदमे की पैरवी और ट्रायल में परेशानी हो रही है।
इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट प्रभुकांत ने बताया कि कचहरी चौकी इंचार्ज को जांच सौंपी गई थी। जांच में सामने आया कि मुख्तार अंसारी ने अपने करीबियों के साथ साजिश रच कर मूल केस डायरी गायब की है।
फोटो कॉपी पर हो रही है सुनवाई
मामले में मूल केस डायरी की जगह फोटो कॉपी पर ही केस की सुनवाई हो रही है। हत्याकांड के मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी ने साक्ष्यों के मूल पत्रों की बजाय फोटो कॉपी के आधार पर ट्रायल चलाने पर आपत्ति जताई है। वाराणसी सत्र न्यायालय के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती देकर ट्रायल पर रोक लगाने की मांग की है। इस मामले में 22 जुलाई को सुनवाई होनी है।