रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन की ओर से स्थापित जियो इंस्टीट्यूट ने अपना पहला बैच शुरू कर दिया है. संस्थान में न सिर्फ देश के बल्कि विदेशी छात्रों ने भी एडमिशन लिया है और इसका पहला बैच 21 जुलाई से शुरू हो रहा है. रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक नीता अंबानी ने पहले बैच के छात्रों का उत्साहवर्धन भी किया.

रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन की ओर से एक परोपकारी पहल के रूप में स्थापित जियो इंस्टीट्यूट में पहले बैच का आवेदन शुरू हो गया है. कई विषयों में शिक्षा देने वाले इस संस्थान में प्रवेश पाने के लिए देश-विदेश के छात्रों में होड़ मच गई है.
संस्थान में पहले बैच का हिस्सा बनने के लिए अभी तक 19 राज्यों और चार देशों के छात्रों ने आवेदन किया है. इनमें दक्षिण अफ्रीका, भूटान, नेपाल और घाना जैसे देशों के छात्र शामिल हैं. पहले बैच में इंजीनियरिंग, विज्ञान, कला, कॉमर्स, मास मीडिया और मैनेजमेंट सहित कई अकादमिक विषयों के छात्र शामिल हैं. संस्थान पहले साल के लिए दो कोर्स ऑफर कर रहा है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड डाटा साइंस और डिजिटल मीडिया एंड मार्केटिंग कम्यूनिकेशंस के लिए परास्नातक प्रोग्राम शामिल हैं.
संस्थान में पहले बैच की कक्षाएं 21 जुलाई से शुरू हो जाएंगी. इससे पहले 20 जुलाई को संस्थान में उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान पहले बैच के छात्रों का स्वागत किया गया.
नीता अंबानी ने बढ़ाया छात्रों का उत्साह
संस्थान में बैच की शुरुआत से पहले रिलांयस फाउंडेशन और धीरूभाई अंबानी इंटरनेशनल स्कूल की फाउंडर व चेयरपर्सन और रिलायंस इंडस्ट्रीज की निदेशक नीता अंबानी ने प्रवेश लेने वाले छात्रों का उत्साहवर्धन किया. उन्होंने कहा, ‘साल 2023 की कक्षा के सभी छात्रों में से प्रत्येक के पास न सिर्फ अपने देश बल्कि हमारे ग्रह के भविष्य को आकार देने की क्षमता और जिम्मेदारी है. इसलिए हर पल और हर दिन की अहमियत को समझें. आप यहां जुनून के साथ सीखें और बिना किसी डर के अपनी कल्पनाओं को आयाम दें.’
हमेशा खास होता है पहला बैच
नीता अंबानी ने पहले बैच के छात्रों को खास बताया. उन्होंने कहा- ‘वैसे तो किसी भी संस्थान का प्रत्येक बैच विशेष होता है, क्योंकि वे इन संस्थानों के विकास और सांस्कृतिक ताने-बाने में योगदान करते हैं. लेकिन, पहला वाला बैच हमेशा विशेष तौर पर खास माना जाता है. वे केवल योगदान नहीं करते हैं, बल्कि वे कल्पना करने में मदद करते हैं और एक अनंत संभावना की कल्पना करते हैं. यह किसी भी संस्थान के विकास की नींव होता है. लिहाजा पहले बैच के तौर पर आप अपने असाधारण भविष्य की ओर हमारे साथ मिलकर पहला कदम बढ़ाएंगे.’
मुकेश अंबानी को बताया सच्चा देशभक्त
नीता अंबानी ने जियो इंस्टीट्यूट बनाने के पीछे की कहानी भी साझा की है. उन्होंने कहा- मैंने अपने पति मुकेश के साथ जियो इंस्टीट्यूट बनाने का सपना साझा किया और भारत में उच्च शिक्षा को पुनर्परिभाषित करने की इच्छा जताई. साथ ही अपने ससुर श्री धीरूभाई अंबानी की विरासत को आगे बढ़ाने की बात कही. मुकेश सच्चे मायनों में देशभक्त हैं और यह उनका ही विजन है, जो भारतीय युवाओं को सक्षम बनाने वाला यह संस्थान स्थापित हो सका. यहां पूरी दुनिया के युवा साथ मिलकर मानव जाति के बेहतर भविष्य का समाधान खोज सकेंगे.