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बिना फॉर्म-16 के भी फाइल कर सकते हैं आईटीआर, यहां जानिए इसका सबसे आसान तरीका!

सबसे पहले इस बात का पता लगाएं कि एक साल में अलग-अलग सोर्स से आपको कितनी कमाई होती है. कर्मचारी को अपनी सैलरी और पेंशन से होने वाली कमाई को भी इसमें शामिल करना चाहिए. इसके लिए अपनी पे स्लिप देख सकते हैं.

वित्त वर्ष 2021-22 का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का समय चल रहा है. जिसके लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई है. ऐसे में सैलरीड क्लास के लोग जिनकी आय टैक्सेबल स्लैब में आती है, उन्हें समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करना चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए एक फॉर्म बहुत जरूरी होता है और वो है फॉर्म-16. इस फॉर्म के माध्यम से आयकर रिटर्न दाखिल किया जाता है, लेकिन कई मामलों में आयकर रिटर्न इस फॉर्म के बिना भी दाखिल किया जा सकता है.

बता दें, फॉर्म-16 एक दस्तावेज है जो कर्मचारी की कर योग्य आय, यानी कर्मचारी की आय, जिस पर कर लगाया जाना है, बताया जाता है. लेकिन कई लोगों की सैलरी 2.5 लाख रुपये की बेसिक छूट से ज्यादा नहीं होती है, ऐसे में उन कर्मचारियों को फॉर्म-16 जारी नहीं किया जाता है, लेकिन फिर भी वे कर्मचारी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. 

फॉर्म-16 क्यों जरूरी है?

आयकर रिटर्न दाखिल करते समय फॉर्म-16 एक बहुत ही महत्वपूर्ण दस्तावेज है. फॉर्म-16 आपकी कंपनी की ओर से जारी किया जाता है. इस फॉर्म-16 में आपके द्वारा ली गई सैलरी, डिडक्शन, टैक्स डिडक्टेड, अलाउंस के अलावा और भी कई जानकारियां हैं, जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त आपके काम आती हैं.

पूर्व नियोक्ता से नहीं मिला फॉर्म -16 तो क्या करें?

अगर आपको पूर्व नियोक्ता ने फॉर्म 16 नहीं भेजा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. आप पिछली कंपनी में अपने रोजगार की अवधि के दौरान (वेतन पर्ची या विवरण के आधार पर) काटे गए कर के साथ अपना वेतन अपने खाते में जमा कर सकते हैं.

फॉर्म-16 के बिना ITR कैसे भरें?

  1. पहले वित्तीय वर्ष का टीडीएस पता करें, जिसके लिए आप आईटीआर दाखिल कर रहे हैं. यहां आप फॉर्म 26AS की मदद ले सकते हैं.
  2. अपने सकल वेतन का पता लगाएं. इसके लिए सैलरी स्लिप कलेक्ट करें. याद रखें कि पीएफ में आपके द्वारा किया गया योगदान ही शुद्ध कर योग्य आय का हिस्सा है.
  3. अगर हाउस रेंट अलाउंस पर टीडीएस काटा जाता है तो एचआरए पर टैक्स छूट पाने के लिए कंपनी को रेंट रसीद देनी होगी. यह रसीद पहले देनी होगी, अगर नहीं दी गई है तो आप आईटीआर के समय इसका दावा कर सकते हैं.
  4. परिवहन भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता वेतन से घटाएं. आप 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
  5. यह सारी प्रक्रिया करने के बाद आपको अपनी कर योग्य आय के बारे में पता चल जाएगा.
  6. आप इस पर टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं और अगर आपने पहले से ज्यादा टैक्स चुकाया है तो आईटीआर भरने के बाद इसे रिफंड के तौर पर वापस कर दिया जाएगा.
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Pooja Pandey

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