गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार देर रात मालदीव से सिंगापुर पहुंचने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था. श्रीलंका में 1978 में राष्ट्रपति शासन प्रणाली अपनाने के बाद से राजपक्षे इस्तीफा देने वाले पहले राष्ट्रपति हैं.

श्रीलंका से भागे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अब मालदीव छोड़ सिंगापुर पहुंच गए हैं। सऊदी एयरलाइंस का एक विमान गुरुवार शाम उन्हें लेकर सिंगापुर के चांगी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। उनके साथ पत्नी और दो बॉडीगार्ड भी थे। राजपक्षे बुधवार देर रात भी मालदीव के वेलाना इंटरनेशनल हवाईअड्डे से सिंगापुर जाने की तैयारी में थे, लेकिन यहां हो रहे प्रदर्शन के डर से फ्लाइट छोड़ दी थी।
इधर, संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को राजपक्षे का इस्तीफा मिल चुका है। यह इस्तीफा श्रीलंका में सिंगापुर ऐंबैसी के माध्यम से मिला। कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि उन्होंने स्पीकर को इस्तीफा ई-मेल किया है। स्पीकर के प्रेस सचिव ने बताया कि जांच और सभी कानूनी कार्यवाही पूरी होने बाद गुरुवार को इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की जाएगी। वहीं, राजपक्षे के इस्तीफे के बाद कोलंबो में लोगों जश्न मनाते और डांस करते नजर आए।
पहले यह अटकलें लगाई जा रही थी कि राजपक्षे मालदीव से वे सऊदी अरब जा सकते हैं। सिंगापुर के विदेश मंत्री ने गुरुवार को बताया कि राजपक्षे एक प्राइवेट विजिट पर देश आए हैं। उन्होंने यहां शरण की कोई मांग नहीं की है और न ही उन्हें शरण दी गई है।
राष्ट्रपति आवास से बाहर निकले प्रदर्शनकारी
कोलंबो में विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। इस बीच संसद भवन की सुरक्षा के लिए टैंकों की तैनाती की गई है। दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री आवास खाली कर दिया है। इन दोनों जगहों को सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया है। ऊधर, राष्ट्रपति राजपक्षे के भाई और पूर्व मंत्री बासिल राजपक्षे भी अमेरिका भाग गए हैं।
गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार देर रात मालदीव से सिंगापुर पहुंचने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया था. श्रीलंका में 1978 में राष्ट्रपति शासन प्रणाली अपनाने के बाद से राजपक्षे इस्तीफा देने वाले पहले राष्ट्रपति हैं.
दिवालिया हो चुके देश की अर्थव्यवस्था को न संभाल पाने के कारण अपने और अपने परिवार के खिलाफ बढ़ते जन आक्रोश के बीच देश छोड़कर चले जाने के बाद राजपक्षे ने इस्तीफा दिया है. राजपक्षे ने गुरुवार को एक ‘निजी यात्रा’ पर सिंगापुर जाने की अनुमति मिलने के तुरंत बाद अध्यक्ष को अपना इस्तीफा पत्र ईमेल के जरिए भेजा.अध्यक्ष ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे नए नेता के निर्वाचित होने तक राष्ट्रपति का प्रभार संभालेंगे. उन्होंने जनता से निर्वाचन की प्रक्रिया में सभी सांसदों के भाग लेने के लिए शांतिपूर्ण माहौल बनाने का अनुरोध किया. यह प्रक्रिया सात दिन के भीतर पूरी करनी है. श्रीलंकाई संसद की बैठक शनिवार को होगी.