पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम असली है या नकली से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट ने याचिका को घटिया करार दिया.

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह अपनी पैरोल पर जेल से बाहर हैं। इस बीच,गुरमीत राम रहीम सिंह को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है। गुरमीत राम रहीम सिंह के कुछ समर्थकों ने पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है कि जेल से रिहाई के बाद बागपत के बरनावा आश्रम में जो राम रहीम पहुंचे हैं वो असली नहीं, बल्कि उनका कोई हमशक्ल है। इसके लिए बकायदा दोनों के शारीरिक बनावट और व्यव्हार का फर्क बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि असली गुरमीत राम रहीम सिंह का अपहरण हो चुका है और उनकी जान खतरे में है। गुरमीत राम रहीम सिंह के समर्थकों का आरोप है कि इस सब के पीछे हनीप्रीत सिंह है। पंजाब तथा हरियाणा हाई कोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी।
कथित तौर पर गुरमीत राम रहीम के अनुयासी चंडीगढ़ के रहने वाले अशोक कुमार ने हाई कोर्ट में याचिका डाली थी और कई तर्क दिए थे. उनका कहना था कि यूपी के बागपत आश्रम में जो गुरमीत राम रहीम रह रहे हैं वह नकली हैं. अपने बात को साबित करने के लिए उन्होंने याचिका में कहा था कि पैरोल पर बाहर आए राम रहीम का कद पहले की तुलना में बड़ा है. साथ ही वे अपने पुराने सहयोगियों को भी नहीं पहचान पा रहे हैं. याचिका खारिज होने पर उन्होंने कहा कि वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे
याचिका में कहा गया था कि बागपत आश्रम में जो राम रहीम रह रहे हैं उनका हाव-भाव असली राम रहीम की तरफ नहीं है. उनका कद भी पहले से एक इंच बड़ा है और पैर भी लंबा है. याचिकाकर्ता को शक जाहिर करते हुए कहा कि असली राम रहीम को उदयपुर से अपहरण कर लिया गया था. वह या तो मारे जा चुके हैं या फिर मार दिए जाएंगे. ऐसा डेरा की गद्दी हासिल करने के लिए किया गया है. याचिका में हरियाणा सरकार, हनीप्रीति और सिरसा डेरा प्रशासक पीआर जैन को प्रतिवादी बनाया गया था.
बता दें गुरमीत राम रहीम को पिछले महीने एक माह के पैरोल पर रोहतक की सुनारिया जेल से रिहा किया गया था. जेल से बाहर आने पर राम रहीम यूपी के बागपत में एक आश्रम में रह रहे हैं. इससे पहले भी उन्हें अपनी बीमार मां को देखने के लिए पैरोल मिला था.