तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दावा किया है कि सीसीटीवी कैमरे में सुकेश चंद्रशेखर से कुछ पेपर लेते हुए एक नर्सिंग स्टाफ को देखा गया है. पूछताछ में पता चला है कि वह किसी को दी जाने वाली चिट्ठी थी.

दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहकर 200 करोड़ की ठगी करने वाले सुकेश चंद्रशेखर पिछले काफी वक्त से सुर्खियों में हैं. सुकेश पर जेल की सुरक्षा व्यवस्था को फिर से ठेंगा दिखाने का भी आरोप लगा है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहकर आवाज बदलकर ग्रह मंत्रालय का अफसर बनकर फोन पड़ 200 करोड़ रुपए की ठगी करने के आरोपी सबसे बड़ा जालसाज ने एक बार फिर से तिहाड़ की सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाया है. दावा ये किया जा रहा है कि सुकेश नर्सिंग स्टाफ के जरिए खुद के मैसेज जेल से बाहर भिजवाता पकड़ा गया.
असल मे सीसीटीवी रिकार्डिंग चैक करने के दौरान अधिकारियो ने पाया कि जेल के अस्पताल में कॉंट्रेट पर काम करने आई एक नर्सिंग स्टाफ से सुकेश बात कर रहा है और उसे अपना एक लैटर दे रहा है जो लैटर वो नर्सिंग स्टाफ बाहर सुकेश के किसी जानकार को देना था. नर्सिंग स्टाफ से जब पूछा गया तो वो सन्तोषजनक जवाब नही दे पाए और फिलहाल तिहाड़ के अधिकारियों ने इसकी जांच के लिए दिल्ली पुलिस से संपर्क किया है जो पूरे मामले की जांच कर रहे है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जब महाठग सुकेश चंद्रशेखर को इलाज के लिए जेल अस्पताल में भर्ती किया गया था, तभी वह एक नर्सिंग स्टाफ के संपर्क में आया. माना जा रहा है कि जेल प्रशासन अब इस मसले पर दिल्ली पुलिस से संपर्क करेगी. बता दें कि 9 जून को सुकेश चंद्रशेखर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. भूख हड़ताल की वजह से बिगड़ी तबीयत के कारण उसे जेल स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसे ग्लूकोज चढ़ाया गया था.
गौरतलब है कि सुकेश चंद्रशेखर की जान को खतरा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में तिहाड़ जेल से ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका दायर की गई है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कथित ‘ठग’ सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को जान के खतरे के आधार पर तिहाड़ जेल से स्थानांतरित करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर 13 जुलाई को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उसे मंडोली जेल में स्थानांतरित करने के केन्द्र के प्रस्ताव पर चंद्रशेखर की ओर से दाखिल हलाफनामा नहीं मिला है. पीठ ने कहा कि याचिका पर जल्दबाजी की कोई जरूरत नहीं है और इस पर सामान्य पीठ सुनवाई कर सकती है.
चंद्रशेखर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर बसंत ने कहा कि उन्हें महानिदेशक के अधिकार क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित किया जाए क्योंकि उनके मुवक्किलों से उगाही की जा रही है और धमकी दी जा रही है. पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि कहा जा रहा है कि याचिकाकर्ताओं ने अपनी आपत्तियां अथवा हलफनामें 28 जून 2022 को दाखिल किए हैं. ये रिकॉर्ड में नहीं हैं. रजिस्ट्री को उन कागजातों को मामले की ‘पेपर बुक’के साथ नत्थी करने के निर्देश दिए जाते हैं। मामले को आगे की सुनवाई के लिए 13जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए. गौरतलब है कि 23 जून को केन्द्र ने प्रस्ताव दिया था कि अगर चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से स्थानांतरित किया जाए तो उन्हें मंडोली जेल भेजा जाए जिसकी रक्षा अर्धसैनिक बल करते हैं.