निवेश विशेषज्ञ ने कहा है कि विदेशी संस्थागत निवेशक निकट भविष्य में भारतीय बाजारों में निवेश नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने रुपये की गिरती वैल्यू को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे इंपोर्ट महंगा और महंगाई बढ़ेगी.

भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों के निकट भविष्य में वापस लौटने की कोई संभावना नहीं नजर आ रही है. ये कहना है इन्वेस्टमेंट फर्म हेडोनोवा के सुमन बनर्जी का. उन्होंने कहा है कि 2023 में विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा कुछ खरीदारी देखने को मिल सकती लेकिन 2024 के चुनावी साल तक वे भारतीय बाजारों से दूर ही रहेंगे.
बनर्जी ने कहा कि 2024 का आम चुनाव एक भू-राजनैतिक जोखिम के नजरिए से बड़ी घटना है. इसके अलावा उन्होंने महंगाई को लेकर कहा है कि रुपये में गिरावट चिंता की बात है क्योंकि इससे इंपोर्ट महंगा होगा और महंगाई बढ़ेगी. बाजार को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कही बॉटम बनता नहीं दिख रहा है और बाजार में काफी लिक्विडिटी है. उन्होंने कहा है कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद लिक्विडिटी बनी हुई है.
बाजार की स्थिति मजबूत नहीं
सुमन बनर्जी ने कहा है कि भारतीय शेयर बाजार वैश्विक घटनाओं पर प्रतिक्रिया दे रहा है. इसके अलावा महंगाई बाजार के लिए चिंता का बड़ा विषय बनी हुई है. उन्होंने कहा कि बढ़ती लागत से कारण कंपनियों का प्रॉफिट मार्जिन घट रहा है और घरेलू मांग भी बहुत मजबूत नहीं दिख रही है. हालांकि, उन्हें विश्वास है कि सरकार की सही नीतियों के कारण ग्रोथ जारी रहेगी.
कहां करें निवेश
किस कंपनी के शेयरों में निवेश को लेकर उन्होंने कहा, “मेरा दांव उन कंपनियों पर होगा जो वैश्विक सप्लाई चेन पर निर्भर नहीं है या जिनके पास भारी डिमांड है लेकिन आपूर्ति श्रृंखला बाधित का उन पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है.” उन्होंने कहा कि वह सॉफ्टवेयर इंटरप्राइजेज और इंडस्ट्रीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को लेकर बुलिश हैं. क्योंकि इन कंपनियों के प्राइसिंग पावर और प्रॉफिट मार्जिन ज्यादा होता है.