उदयपुर और अमरावती में दो हत्याओं के बीच समानता की ओर इशारा करते हुए जांच के साथ – राजस्थान में दर्जी की तरह, महाराष्ट्र में केमिस्ट को भी भाजपा की नुपुर शर्मा – केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) का समर्थन करने वाले उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए लक्षित किया गया है। शनिवार को अमरावती मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपी गई।

राजस्थान के उदयपुर की तरह ही महाराष्ट्र के अमरावती में 21 जून को उमेश कोल्हे नाम के शख्स की हत्या कर दी गई थी। बताया जा रहा है कि उमेश की हत्या सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि उसने नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को एनआईए को सौंप दिया है और अब एनआईए मामले की जांच करेगी। इस घटना के संबंध में अब तक कुल 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पांच लोगों को पहले गिरफ्तार किया गया था जबकि पुलिस ने शनिवार को दो और संदिग्धों की गिरफ्तारी की पुष्टि की। एनजीओ चलाने वाले कथित मास्टरमाइंड 35 वर्षीय इरफान खान और 44 वर्षीय एक पशु चिकित्सक यूसुफ खान को शनिवार रात को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इरफान को नागपुर से गिरफ्तार किया गया, वहीं युसूफ को शुक्रवार की रात अमरावती से गिरफ्तार किया गया था।
21 जून को हुई थी हत्या
पुलिस के मुताबिक, 54 साल के केमिस्ट उमेश प्रहलादराव कोल्हे की 21 जून को हत्या कर दी गई थी और इस सिलसिले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह घटना राजस्थान के उदयपुर में एक टेलर कन्हैयालाल की हत्या करने से एक हफ्ते पहले हुई थी।
अमरावती सिटी कोतवाली के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया, “उमेश कोल्हे अमरावती शहर में एक मेडिकल स्टोर चलाते थे। उन्होंने कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में उनकी टिप्पणियों के लिए कुछ वाट्सएप ग्रुपों पर एक पोस्ट साझा किया था। उन्होंने गलती से पोस्ट को एक ऐसे ग्रुप में साझा कर दिया था, जिसमें कुछ मुस्लिम भी सदस्य थे, जिसमें उनके ग्राहक भी शामिल थे।”
पुलिस ने ये भी बताया कि मुख्य आरोपी इरफान खान ने उमेश की हत्या की साजिश रची और इसके लिए लोगों को शामिल किया था। इरफान खान ने अन्य पांच आरोपियों को 10-10 हजार रुपए देने और भागने के लिए एक कार देने का वादा किया था।