प्रॉपर्टी बेचने से हुए पूंजीगत लाभ पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। मकान बेचने से होने वाले लाभ पर दो तरह से कर की गणना की जाती है।

कोरोना वायरस संकट के दौरान लोगों को अधिक पैसों की जरूरत पड़ी है। जिन लोगों ने पहले ही इंश्योरेंस लिया हुआ था उनका आर्थिक बोझ थोड़ा कम तो हुआ है लेकिन खर्च को लेकर वे अब भी परेशान हैं। वहीं जिन्होंने इंश्योरेंस नहीं लिया था, वे अपनी संपत्ति बेचकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। महामारी के दौरान इलाज के लिए कई लोगों ने अपने मकान या प्लॉट तक बेचे। लेकिन सिर्फ संपत्ति बेचने से ही समस्या खत्म नहीं हो जाती।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में आपको 20 फीसदी का कैपिटल गेन टैक्स देना होता है. जबकि शॉर्ट टर्म गेन आपकी टोटल इनकम में गिना जाता है और आप जिस टैक्स ब्रैकेट में आएंगे उसके अनुसार टैक्स लगेगा. हालांकि, अगर आप सही नियम से वाकिफ हैं तो आपके लाखों रुपये का कैपिटल गेन पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है.
कंस्ट्रक्शन की लागत पर छूट
आपने मकान बनवाने में जितनी राशि खर्च की है उसे टैक्स भरते समय कॉस्ट ऑफ सेलिंग में घटाया जा सकता है. हालांकि, इसके लिए आपके वह सभी सबूत होने चाहिए जिससे ये साबित हो सके कि मकान आपने अपने पैसों से ही बनवाया है. इसमें कंस्ट्रक्शन के दौरान हुए खर्चों के बिल शामिल किए जा सकते हैं.
लोन रीपेमेंट पर छूट
मकान अगर लोन पर लिया जाता है और आप उसकी ईएमआई चुका रहे हैं तो भी आप उस पर इनकम टैक्स कानून की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं. हालांकि. अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदने के 5 साल के भीतर बेच दी तो यह छूट खत्म हो जाएगी. आप जिस वित्त वर्ष में प्रॉपर्टी बेचेंगे उस वर्ष मिला टैक्स लाभ आपकी टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा.
पुरानी प्रॉपर्टी बेचकर नई खरीदें और टैक्स बचाएं
नियम के तहत आप पुराने घर की बिक्री पर हुए कैपिटल गेन पर लगने टैक्स में बचत प्राप्त करने के लिए नई प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. घर बेचने के अगले 2 साल के अंदर नई प्रॉपर्टी खरीदने और 3 साल के अंदर नया घर बनवाने पर आप टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
ऐसे भी मिल सकती है कैपिटल गेन पर टैक्स छूट
आप प्रॉपर्टी बेचने के बाद अगर नई प्रॉपर्टी नहीं खरीदना चाहते तो भी आप कैपिटल गेन पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको एनएचएआई और आरईसीएल के तीन साल के बॉन्ड में निवेशक करना होगा. ऐसा आपको प्रॉपर्टी बेचने के 6 महीने के अदंर कर लेना होगा. हालांकि, इसमें केवल 50 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी. अगर आप पूरा गेन किसी पंजीकृत टेक्नोलॉजी स्टार्टअप में लगा देते हैं तो कोई टैक्स नहीं लगेगा.