महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शिवसेना के भीतर अल्पमत में आ गए, उनके पिता बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी ने अपने मंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है।

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने आरोप लगाया है कि उनके साथ के सारे 38 विधायकों के परिवार की सुरक्षा खतरे में है। एकनाथ शिंदे ने शनिवार (25 जून) की सुबह ट्वीट कर कहा, बागी विधायकों और उनके परिवार की सुरक्षा वापस ले ली गई है। एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, डीजीपी महाराष्ट्र को पत्र लिखा है और कहा है कि “38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को दुर्भावनापूर्ण रूप से वापस लेना गलत है। हालांकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल और शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने आरोपों से इनकार किया।
सरकार MLA के परिवारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है…’
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि ‘सरकार उनकी और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।” बता दें कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के 40 विधायकों समेत असम के एक होटल में हैं। उनकी मांग है कि शिवसेना भाजपा के साथ हो जाए। हालांकि शिंदे ने एनडीटीवी को बताया कि उनके पास 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है। उनमें से लगभग 40 शिवसेना से हैं।
बागी विधायकों ने क्या कहा?
पत्र में बागी विधायकों ने कहा कि अगर उनके परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान होता है तो सीएम ठाकरे और सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के नेता जिम्मेदार होंगे। ये कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध के कारण की गई है। शिंदे ने आरोप लगाया कि ठाकरे और वालसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के बागी विधायकों की सुरक्षा राजनीतिक प्रतिशोध के कारण वापस ले ली गई।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री बोले-‘किसी भी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली…’
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने एकनाथ शिंदे के उन दावों का खंडन किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राज्य के गृह मंत्री ने पार्टी के बागी विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली है। पाटिल ने कहा, ”किसी भी विधायक की सुरक्षा वापस लेने के लिए या तो सीएम या गृह मंत्रालय द्वारा आदेश दिए गए हैं। इस तरह के जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वो शरारती और झूठे हैं।”
दिलीप वालसे पाटिल ने कहा, न तो मुख्यमंत्री और न ही गृह विभाग ने किसी विधायक की सुरक्षा वापस लेने के आदेश दिए हैं। ट्विटर के माध्यम से लगाए जा रहे आरोप झूठे और पूरी तरह से निराधार हैं।