बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करते हुए कहा कि ‘आदिवासी समाज पार्टी के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है’ और इससे इनकार किया कि वह भाजपा का समर्थन कर रही थीं।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगी। उन्होंने कहा, “बसपा ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है, यह ध्यान में रखते हुए कि आदिवासी समाज पार्टी के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,
यह फैसला भाजपा या एनडीए को समर्थन देने और न ही विपक्षी यूपीए के खिलाफ जाने के लिए लिया गया था, बल्कि एक सक्षम और समर्पित आदिवासी महिला को देश की राष्ट्रपति बनाने के लिए हमारी पार्टी और उसके आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।
बहुजन समाज पार्टी के पास 10 लोकसभा और तीन राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन बाद के तीन सांसदों में से दो चुनाव से 14 दिन पहले 4 जुलाई को सेवानिवृत्त होंगे। पार्टी के पास यूपी विधानसभा में भी एक सीट है,इस बीच, मायावती ने विपक्ष पर उनसे सलाह न लेने के लिए भी निशाना साधा क्योंकि उन्होंने एक संयुक्त उम्मीदवार – पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का चयन किया।
मायावती ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का लिया फैसला
बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस वार्ता कर बताया कि, हमने एनडीए के राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है. हमने यह फैसला न तो भाजपा या एनडीए के समर्थन में और न ही विपक्ष के खिलाफ बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है.
‘आदिवासी समाज को ध्यान में रखते हुए लिया फैसला’
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने आगे कहा कि, ‘हमारी पार्टी ने आदिवासी समाज को अपने मूवमेंट का खास हिस्सा मानते हुए द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है. हमने यह अति महत्वपूर्ण फैसला BJP और NDA के पक्ष या फिर विपक्षी पार्टी के विरोध में नहीं लिया है.
बसपा के समर्थन से मजबूत होगी दावेदारी
दरअसल, झारखंड की पहली महिला राज्यपा रह चुकी द्रौपदी मुर्मू एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. वैसे तो उनकी जीत पहले से ही तय मानी जा रही है. इस बीच बसपा का समर्थन मिलने से उनकी दावेदारी और भी मजबूत हो गई है. द्रौपदी मुर्मू के जीतने पर वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी.
27 जून को नामांकन कर सकते हैं यशवंत सिन्हा
वैसे तो सत्ताधारी दल की प्रत्याशी होने के कारण द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, टीएमसी की ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार से बात की, और खुद के लिए समर्थन मांगा. वहीं दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए आज पार्टी विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई है. वहीं, विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन कर सकते हैं.