हाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ फोन पर बातें की. दोनों नेताओं के बीच 10 मिनट की बातचीत के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम में कई बदलाव आए. इन्हें 10 तथ्यों से समझा जा सकता है.

महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में क्रॉस वोटिंग के ठीक बाद 30 से ज्यादा विधायकों के साथ शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने बागी तेवर दिखाते हुए सूरत में डेरा डाल दिया। इससे सियासी उथल-पुथल मच गई और प्रदेश की महाविकास आघाड़ी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि मंगलवार देररात सूरत में ठहरे विधायकों को असम के गुवाहाटी शिफ्ट किया गया। इसके लिए सभी विधायकों को देररात ही बस से हवाई अड्डे पर पहुंचाया गया। शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे के सामने एनसीपी-कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा के साथ गठबंधन बनाने की शर्त रखी है।
अब सूरत से निकलकर असम में डालेंगे डेरा
सूरत के ली मेरिडियन होटल में ठहरे शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, पार्टी के 34 विधायकों और 7 निर्दलीय विधायक असम के गुवाहाटी रवाना होने के लिए सूरत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे।
कैसे शुरू हुआ सियासी संकट
सियासी घटनाक्रम विधान परिषद की 10 सीटों के चुनाव के तुरंत बाद ही शुरू हुआ। पर शिवसेना को जब तक इसकी भनक मिलती, शिंदे गुजरात पहुंच चुके थे। शिंदे का मोबाइल फोन सोमवार दोपहर बाद से ही नॉट रीचेबल हो गया। देर रात वह समर्थक विधायकों के साथ सूरत के पांच सितारा होटल पहुंचे। वहां पहुंचते ही विधायकों का भी शिवसेना से संपर्क टूट गया।
होटल में शिंदे के साथ शिवसेना के 15, एनसीपी का एक और निर्दलीय 14 विधायक हैं। तीन मंत्री भी हैं। बागी विधायक गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल के संपर्क में हैं। बताया जा रहा है, सभी विधायक बुधवार सुबह तक गुवाहाटी भेजे जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है, गृह मंत्री अमित शाह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। शाह ने महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक भी की।
अमित शाह और जेपी नड्डा की हुई मुलाकात
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में विकासशील राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा से मुलाकात की. बीजेपी के सूत्रों ने कहा कि नड्डा और शाह राज्य में बदलती राजनीतिक स्थिति और पार्टी की भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा कर रहे थे.
बीजेपी ने इस महीने सत्तारूढ़ एमवीए गठबंधन को राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में अपने सभी उम्मीदवारों का चुनाव कराकर बड़ा झटका दिया है. राज्यसभा चुनावों में, बीजेपी को तीन सीटें मिलीं, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन ने तीन सीटें हासिल कीं, जिसमें शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के लिए एक-एक, जबकि शिवसेना के दूसरे उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा. विधान परिषद चुनावों में, बीजेपी ने पांच, शिवसेना और NCP ने दो-दो, और कांग्रेस ने एक जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस का एक उम्मीदवार हार गया.