भारतीय यूजर्स को दिवाली तक 5G सर्विस का तोहफा मिल सकता है. सरकार ने इसके स्पेक्ट्रम नीलीमी को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है. बता दें कि 5G सर्विस स्पीड के मामले में 4G की तुलना में 10 गुना फास्ट होगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के दूरसंचार विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके माध्यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा. मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स , कृत्रिम मेधा (एआई) में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क’ की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया.
भारतीय यूजर्स को यह जानकर खुशी होगी कि 5G सर्विस के लिए अब आपको ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. यह सर्विस दिवाली तक रोलआउट की जा सकती है. क्योंकि टेलिकॉम कंपनियां इसकी लगभग तैयारियां पूरी कर चुकी हैं और कंपनियों केवल स्पेक्ट्रम की नीलामी का इंतजार कर रही थीं.
केबिनेट का कहना है कि ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड, नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. 2015 के बाद से देश भर में 4G सेवाओं के तेजी से विस्तार के माध्यम से इसे एक बड़ा बढ़ावा मिला है. 2014 में दस करोड़ ग्राहकों की तुलना में आज 80 करोड़ ग्राहकों की ब्रॉडबैंड तक पहुंच है. इसकी मदद से सरकार मध्यम वर्गीय परिवारों तक मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, ई-राशन आदि की पहुंच को बढ़ावा देने में सक्षम हुई है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में बनाया गया 4G इकोसिस्टम अब 5G स्वदेशी विकास की ओर बढ़ रहा है. मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई योजनाएं और भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत से भारत में 5G सेवाओं के शुभारंभ के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है. वह समय दूर नहीं जब भारत 5G तकनीक और आने वाली 6G तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरने वाला है.