प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती ‘मिशन मोड’ पर करने को कहा है।

बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के सवालों का सामना कर रही मोदी सरकार ने अब जवाब देने का प्लान तैयार कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के सभी विभागों और मंत्रालयों में खाली रिक्त पदों को भरने के लिए मिशन मोड में भर्ती अभियान चलाने का निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक केंद्र अगले डेढ़ सालों में अपने विभिन्न विभागों में 10 लाख भर्तियां करेगी।
पीएमओ इंडिया के ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया कि ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी मंत्रालयों एवं विभागों में मानव संसाधन की समीक्षा की है. इसके साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि अगले डेढ़ वर्षों में मिशन मोड में 10 लाख भर्तियां की जाएं.’ सभी विभागों को तेजी से कार्रवाई करनी होगी, जैसा कि प्रधानमंत्री का निर्देश साफ है कि तय समय में भर्ती प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाए।
पीएमओ इंडिया के ट्वीट में लिखा है, “पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार अगले 1.5 साल में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती करे।
राहुल गांधी रहे हैं बेरोजगारी को लेकर हमलावार
बता दें विपक्ष समेत कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर पिछले दिनों घेरते आए हैं। 11 जून को राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाकर भाजपा देश को लूट रही है
केंद्रे सरकार ने विभागों में खाली है 87 लाख पद
बता दें, इससे पहले अप्रैल में, पीएम मोदी ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने के लिए कहा था ताकि अवसर पैदा हों। फरवरी में राज्यसभा में पेश किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1 मार्च, 2020 तक केंद्र सरकार के विभागों में 87 लाख पद खाली थे।
भारत में बेरोजगारी की स्थिति चिंताजनक
पिछले दिनों कई ऐसी रिपोर्ट आई हैं, जिनमें कहा गया है कि देश में रोजगार के मोर्चे पर चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की जनवरी 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक भारत में बेरोजगार लोगों की संख्या 5.3 करोड़ रही। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 5.3 करोड़ बेरोजगार लोगों में से 3.5 करोड़ लोग लगातार काम खोज रहे हैं। इनमें करीब 80 लाख महिलाएं शामिल हैं। बाकी के 1.7 करोड़ बेरोजगार काम तो करना चाहते हैं, पर वे एक्टिव होकर काम की तलाश नहीं कर रहे हैं। ऐसे बेरोजगारों में 53 फीसदी यानी 90 लाख महिलाएं शामिल हैं। सीएमआईई के हिसाब से भारत में रोजगार मिलने की दर चिंताजनक रूप से कम है। संस्थान का मानना है कि भारत में सिर्फ 38 फीसदी लोगों को ही रोजगार मिल पा रहा है।