अमेजन को तगड़ा झटका लगा है. एनसीएलएटी ने अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच सौदे को निलंबित करने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के आदेश को बरकरार रखा है, यानी अब आदेश के अनुसार, अमेजन को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा.

दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन को फ्यूचर ग्रुप के मामले में जबरदस्त झटका लगा है. दरअसल, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच के सौदे को निलंबित करने का आदेश दिया था जिसे एनसीएलएटी ने बरकरार रखा है. आपको बता दें कि इस आदेश में अमेजन को 45 दिनों के भीतर 200 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया गया है.
क्या कहा गया है आदेश में?
न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को जारी रखते हुए अमेजन को निर्देश दिया है कि वह सोमवार से 45 दिनों के भीतर निष्पक्ष व्यापार नियामक द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी पर लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि को जमा करें.
क्या कहा पीठ ने?
मामले में दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘यह अपीलीय न्यायाधिकरण सीसीआई के साथ पूरी तरह से सहमत है.’ गौरतलब है कि इससे पहले CCI ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड के साथ अपने सौदे के लिए दो साल से अधिक पुरानी मंजूरी को निलंबित कर दिया था. इसके बाद अमेजन पर सुनवाई हुई थी.
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अमेजन ने इस मामले को अक्टूबर, 2020 में सिंगापुर मध्यस्थता केंद्र में लेकर गई थी जिसके बाद दोनों कंपनियों के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई है. इस पर अमेजन का कहना है कि एफआरएल ने रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये का बिक्री करार के निवेश समझौते का उल्लंघन किया है.
बिकवाली में भी छाया है यह स्टॉक
आपको बता दें कि सीसीआई ने फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए अमेजन की तरफ से किए गए सौदे के लिए 2019 में उसके द्वारा दी गई मंजूरी को निलंबित कर दिया था और साथ ही अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. अमेजन ने इसके खिलाफ एनसीएलएटी में अपील दायर की थी, लेकिन एनसीएलएटी ने जुर्माना बरक़रार रखा है.