शीर्ष अधिकारी का कहना है कि मोदी ने गोटबाया राजपक्षे पर ‘दबाव’ डाला, बाद में टिप्पणी वापस ली; राष्ट्रपति ने ‘बयान का जोरदार खंडन किया’

श्रीलंका के बिजली प्राधिकरण के प्रमुख ने एक संसदीय पैनल के सामने गवाही दी थी कि उन्हें श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बताया था कि पीएम मोदी ने अडानी ग्रुप को 500 मेगावाट की विंड एनर्जी प्रोजेक्ट देने पर जोर दिया था। इस मुद्दे पर अब उन्होंने माफी मांगी है और कहा है कि वह भावुक हो गए थे।
श्रीलंका के बिजली प्राधिकरण के प्रमुख ने एक संसदीय पैनल के सामने गवाही दी थी कि उन्हें श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बताया था कि पीएम मोदी ने अडानी ग्रुप को 500 मेगावाट की विंड एनर्जी प्रोजेक्ट देने पर जोर दिया था। वहीं, राजपक्षे ने इस दावे को लेकर किसी भी संस्थान को परियोजना देने के लिए कहने से इनकार किया। अब इसे लेकर उन्होंने माफी मांगी है
CEB चेयरमैन ने मांगी माफी
शनिवार को COPE चेयरमैन चरिता हेराथ को एक बयान जारी कर CEB चेयरमैन एम.सी.सी फर्डिनेंडो ने कहा कि चर्चा के दौरान वह दबाव और भावनाओं के चलते भावुक हो गए थे, जिस कारण उन्होंने भारतीय प्रधान मंत्री शब्द का इस्तेमाल किया और कहा कि उनके द्वारा अडानी ग्रुप को प्रोजेक्ट देने पर जोर दिया गया था। जो कि पूरी तरह गलत है। इस कारण मैं चाहता हूं कि ये बयान रेकॉर्ड से हटा दिया जाए। मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं।
राष्ट्रपति ने बयान से किया था किनारा
10 जून को हुई COPE मीटिंग के दौरान CEB चेयरमैन ने दावा किया था कि पवन ऊर्जा का एक टेंडर अडानी ग्रुप को पीएम मोदी के जोर देने पर मिला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने उन्हें ये बताया था। इस बयान के तुरंत बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शनिवार को इन आरोपों का खंडन किया। राजपक्षे ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने किसी भी समय किसी भी संस्था या व्यक्ति को पवन ऊर्जा का टेंडर देने के लिए नहीं कहा है।