मुंबई कोर्ट ने महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए दायर एक अस्थायी जमानत की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी।

महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव को लेकर एक-एक वोट के लिए रस्साकशी चल रही है. एक-एक वोट सहेजने की कवायद के बीच महा विकास अघाड़ी गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. राज्यसभा चुनाव में राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और मौजूदा कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक मतदान नहीं कर पाएंगे. मुंबई सेशंस कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. दोनों नेताओं ने राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए जमानत मांगी थी. अब शिवसेना प्रत्याशी के खाते से 2 वोट और कट गए.
कोर्ट के आदेश से शिवसेना को झटका
अनिल देशमुख और नवाब मलिक ने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए एक दिन की जमानत की मांग की थी. कोर्ट ने उनकी इस याचिका को ठुकरा दिया है. ईडी ने भी दोनों की जमानत का विरोध किया था. सुनवाई के दौरान ईडी ने अपने जवाब में विशेष अदालत को बताया कि अनिल देशमुख और नवाब मलिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्य आरोपी हैं और पिछले साल नवंबर से न्यायिक हिरासत में है. ईडी ने कहा कि कैदियों के पास आरपी अधिनियम के तहत मतदान का अधिकार नहीं है. कोर्ट के इस फैसले से महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है.
6वीं सीट के लिए है मुकाबला
महाराष्ट्र से राज्यसभा की 6वीं सीट के लिए मुकाबला दिलचस्प हो गया है. विधायकों की संख्याबल के हिसाब से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के एक-एक तथा बीजेपी के 2 उम्मीदवार आसानी से जीत सकते हैं, लेकिन 6वीं सीट के लिए बीजेपी और शिवसेना दोनों ने एक-एक अतिरिक्त उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं. 6वीं सीट जीतने के लिए बीजेपी को अपनी क्षमता से 13 विधायक और चाहिए, जबकि शिवसेना को 16 अधिक विधायकों की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के भाव बढ़ गए हैं.
इससे पहले सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि जमानत आवेदन खारिज कर दिए जाने के लायक है। देशमुख को ईडी ने नवंबर, 2021 में गिरफ्तार किया था। उनके आवेदन में कहा गया है, ‘‘मौजूदा विधायक होने के नाते आवेदक (देशमुख) राज्यसभा के सदस्य के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल का सदस्य है। आवेदक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने एवं अपना वोट डालने को इच्छुक है।’
किसके हिस्से में आएगी जीत?
महाराष्ट्र में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 42 वोटों की जरूरत होती है. एनसीपी के पास 54 विधायक, कांग्रेस के पास 44 विधायक और शिवसेना के पास 56 विधायक हैं. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी के पास 3 सीटें जीतने के बाद भी 28 विधायक बचते हैं. एनसीपी के 2 विधायक इस समय जेल में हैं और शिवसेना के एक विधायक का निधन हो चुका है. यदि इन तीनों को भी हटा दिया जाए तो शिवसेना के तीसरे प्रत्याशी के पास सिर्फ 25 विधायक बचते हैं. राज्यसभा चुनाव में सपा और AIMIM जैसे छोटे दलों ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 13 निर्दलीय विधायकों में ज्यादातर का समर्थन हासिल है.
शिवसेना ने विधायकों की बाड़बंदी की
राज्यसभा चुनाव से पहले शिवसेना अपने विधायकों को ‘द ट्राइडेंट’ होटल में छिपाकर रखे है. सभी विधायक यहां 10 जून तक साथ रहेंगे. बता दें कि ‘द ट्राइडेंट’ होटल महाराष्ट्र विधानसभा से कुछ ही दूरी पर स्थित है, जहां राज्यसभा की 6 सीटों के लिए मतदान होना है. मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों और उसका समर्थन करने वाले अन्य दलों के विधायकों से मुलाकात कर चुके हैं. 288 सदस्यीय सदन में शिवसेना के 55 विधायक हैं. पार्टी के एक विधायक का हाल ही में निधन हो गया था.