स्किन सूरज की रोशनी के संपर्क में आकर विटामिन डी प्रॉड्यूस करती है. लेकिन हम विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स के माध्यम से भी इसकी पूर्ती कर सकते हैं.

विटामिन-डी जिसे सनशाइन विटामिन भी कहते हैं। विटामिन डी एक स्वस्थ शरीर के लिए बेहद ज़रूरी माना जाता है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व होता है, जो हमारे खाने, सप्लीमेंट्स और सबसे ज़रूरी सूरज से हमें प्राप्त होता है। सूरज की रोशनी आपके शरीर में विटामिन-डी के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा और सबसे प्राकृतिक तरीका माना जाता है।
अक्सर हम शरीर के लिए विटामिन्स और खनीज के फायदों को इग्नोर कर देते हैं। यह तभी ध्यान में आता है, जब हमें अपने शरीर में भारी बदलाव महसूस होता है। या किसी तरह की असुविधा या दर्द का अनुभव होता है। विटामिन-डी हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखने, चिंता को कम करने और समग्र प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी बहुत ही कारगर माना गया है।
विटामिन डी की भूमिका
यह बात तो हम सभी जानते हैं कि हमारी स्किन सूरज की रोशनी के संपर्क में आकर विटामिन डी प्रॉड्यूस करती है. लेकिन हम विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स के माध्यम से भी इसकी पूर्ती कर सकते हैं. विटामिन डी का पर्याप्त स्तर शरीर में कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण को कंट्रोल करने में मदद करता है. यह इम्यून फंक्शन को दुरुस्त करता है. साथ ही विभिन्न संक्रमणों, बीमारियों से लड़ने, हड्डियों और दांतों के विकास में सहायक होता है. इन फायदों के अलावा, विटामिन डी तनाव और चिंता को कम करने और मूड को कंट्रोल करने में भी मदद करता है. इसके अतिरिक्त अध्ययनों से पता चला है कि यह वजन घटाने (Weight loss) में भी सहायक है.
थकान और कमजोरी
विटामिन डी की कमी से पीड़ित को अक्सर सामान्य थकानऔर कमजोरी का अनुभव होता है. जिसके कारण वो अपने दैनिक कार्यों को करने की लिमिट कम कर देते हैं. The Patient UK की मानें तो कमजोर हुईं मासपेशियों के कारण पीड़ित को सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, फर्श या कम ऊंचाई वाली कुर्सी से उठने में भी कठिनाई होती है. यहां तक की पीड़ित लड़खड़ाते कदमों से चलने लगते हैं.
हड्डियों में दर्द
विटामिन डी की कमी के कारण ‘रिकेट्स’ (Rickets) हो सकता है, यह विकार बच्चों की मुलायम और सॉफ्ट हड्डियों को अपना शिकार बनाता है. वैज्ञानिक तौर पर, विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जो हड्डियों का निर्माण करता है और उन्हें मजबूती देता है. वयस्कों में, कमजोर और कोमल हड्डियों का विकास ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति से जुड़ा हो सकता है.
जाने शरीर में विटामिन की कमी है या नहीं
ब्लड टेस्ट की मदद से शरीर में विटामिन-डी की कमी का पता चल सकता है। ऐसे दो तरह के टेस्ट हैं, जिनकी सहायता से इसकी कमी का अनुमान लगाया जा सकता है। सबसे आम है 25-hydroxyvitamin D, जिसे 25(OH)D भी कहते हैं।