किसी उड़ान के प्रथम अधिकारी के रूप में तैनात पायलट को पहले एक सिम्युलेटर में विमान उतारने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। उसके बाद ही वह यात्रियों के साथ विमान को उतारने के योग्य माना जाता है।

एयरलाइंस कंपनी एयर विस्तारा पर सिविल एविएशन क्षेत्र की रेग्युलेटर डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन ने सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए जुर्माना लगाया है. डीजीसीए ने एयर विस्तारा द्वारा कम अनुभव वाले पायलट से इंदौर में फ्लाइट लैंडिंग कराने को लेकर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. डीजीसीए ने बताया कि फर्स्ट ऑफिसर को बिना ट्रेनिंग के टेकऑफ और लैंडिंग क्लीरेंस के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया है.
एयर विस्तारा पर जुर्माना
दरअसल एयरलाइंस के फर्स्ट ऑफिसर को यात्रियों से सवार एयरक्रॉफ्ट को लैंड कराने से पहले पहले एयरक्रॉफ्ट को सिमुलेटर पर लैंड कराना होता है. उसके लिए एक ट्रेनिंग का आयोजन किया जाता है. फर्स्ट ऑफिसर को लैंडिंग का मौका देने से पहले कैप्टन की भी सिमुलेटर पर ट्रेनिंग होती है. एयर विस्तारा के इस विमान को फर्स्ट ऑफिसर ने बगैर कैप्टन के साथ ही बिना सिमुलेटर पर ट्रेनिंग के लैंड कराया. ये अपने आप में हवाई यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ के साथ उनके जीवन को खतरे में डालने के समान है. एयरलाइंस एयर विस्तारा की कोताही इंदौर एयरपोर्ट पर पकड़ी गई.
एयरलाइंस के सर्विस में गिरावट
हाल ही में हवाई यात्रियों पर किए गए सर्वे में ये साफ हुआ है कि कोरोना महामारी के बाद से एयरलाइंस के कस्टमर सर्विस और उनके स्टॉफ के दुव्यवहार की घटनाएं बढ़ी है. लोकल सर्किल द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 80 फीसदी यात्रियों का मानना है कि एयरलाइंस पैसेंजर के सुविधाओं के साथ समझौता कर रहे हैं. हाल ही में डीजीसीए ने इंडिगो पर रांची में दिव्यांग विमान में सवार नहीं होने देने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
अधिकारियों ने कहा कि कप्तान के अलावा विस्तारा की इंदौर उड़ान के प्रथम अधिकारी ने भी सिम्युलेटर में प्रशिक्षण नहीं लिया था। इसके बावजूद एयरलाइन ने प्रथम अधिकारी को हवाईअड्डे पर विमान उतारने की अनुमति दी थी।