मार्च तिमाही में जीडीपी 4.1 फीसदी दर्ज की गई. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी दर्ज की गई. वहीं वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में में आर्थिक विकास दर यानी DP 5.4 फीसदी रही थी. अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी और जुलाई-सितंबर क्वार्टर में 8.4 फीसदी पर रही थी.

देश में जीडीपी के इंजन की रफ्तार कितनी रही, इसके आंकड़ा मंगलवार को जारी कर दिए गए. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की जीडीपी दर 8.7 प्रतिशत रही जबकि चौथी तिमाही में विकास दर 4 प्रतिशत पर रही. भारत सरकार के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 के लिए 135.58 लाख करोड़ रुपये के पहले संशोधित अनुमान के मुकाबले स्थिर कीमतों पर रियल जीडीपी या जीडीपी 147.36 लाख करोड़ रुपये के स्तर को हासिल करने का अनुमान है. जबकि 2020-21 में 6.6% के संकुचन की तुलना में 2021-22 के दौरान जीडीपी 8.7% रही.
तिमाही दर तिमाही GDP में गिरावट
इससे पहले बीते वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में (अक्टूबर-दिसंबर) में आर्थिक विकास दर यानी GDP 5.4 फीसदी रही थी वहीं अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 20.1 फीसदी और जुलाई-सितंबर क्वार्टर में 8.4 फीसदी रही थी. इस तरह से वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी दर्ज की गई. हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में FY22 में अर्थव्यवस्था की हालत बेहतर रही.
औद्योगिक गतिविधियों में सुधार
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में कोर सेक्टर में ग्रोथ 8.4 फीसदी रही. अप्रैल 2022 में कोयला, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, सीमेंट और प्राकृतिक गैस उद्योगों का उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बढ़ा है. मालूम हो कि कोर सेक्टर में आठ प्रमुख क्षेत्र – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली है.
राजकोषीय घोटा अनुमान से कम
2021-22 के आंकड़ों के मुताबिक देश का राजकोषीय घाटा 6.9 फीसदी के संशोधित अनुमान की तुलना में 6.7 प्रतिशत रहा है. साल 2021-22 के राजकोषीय घाटा 1.587 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. सीएजी के आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 में खत्म हुए वित्त वर्ष के लिए वास्तविक रूप से राजकोषीय घाटा 15,86, 537 करोड़ रुपये रहा, जो जीडीपी का 6.7 फीसदी है.