कांग्रेस के लिए लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा है। इसके तहत कांग्रेस नेताओं को 8 जून को ईडी के समक्ष पेश होने को कहा गया है।

प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को समन भेजा है. मनी लांड्रिंग मामले में यह समन भेजा गया है. ईडी के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी को दो जून यानी कल तलब किया गया है जबकि सोनिया को 8 जून को बुलाया गया है. मामला पुराने केस से संबंधित है जिसे 2015 में बंद कर दिया गया था और फिर से खोला गया है. इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने सोनिया और राहुल को समन जारी करने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है.मनी लांड्रिंग का कोई सुबूत नहीं है और न ही मनी एक्सजेंच का कोई सबूत है. नेशनल हेराल्ड मामले में इक्विटी में केवल कन्वर्जन या ऋण दिया गया है. उन्होंने कहा, “हम डरेंगे और झुकेंगे नहीं, डटकर लड़ेंगे.”सुरजेवाला ने कहा, “यह एक राजनीतिक लड़ाई है. समन कुछ दिन पहले भेजा गया था. यदि आवश्यक हुआ तो सोनिया गांधी निश्चित रूप से जाएंगी. हम उन्हें लिख रहे हैं और राहुल गांधी के लिए कुछ समय मांगेंगे.
उच्च संस्थानों के गलत इस्तेमाल का आरोप
राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नेशन हेराल्ड मामले में ईडी की ओर से समन जारी किए जाने के बाद सियासी बयानबाजियां शुरू हो गई हैं। कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। एक तरफ रणदीप सुरेजवाला ने उच्च संस्थानों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया है तो वहीं उदित राज ने भी इसे बीजेपी की बौखलाहट बताया है।
सुरेजवालाः हम डरेंगे नहीं
ईडी की ओर से भेजे समन के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘नेशनल हेराल्ड मामले में साजिश के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ED ने नोटिस भेजा है। लेकिन हम “डरेंगे नही, झुकेंगे नही…. सीना ठोक कर लड़ेंगे।’
सुरजेवाला के अलावा इस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी मौजूद थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि इससे पहले ईडी ने इस मामले को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।’सिंघवी ने ईडी पर गलत नोटिस भेजना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, गलत धाराओं में ईडी की ओर से नोटिस भेजा गया है। उन्होंने कहा कि, ये प्रतिशोध के तहत की गई कार्रवाई है। अनुच्छेद 50 के तहत केस 2015 में केस बंद हो गया था। मौजूदा सत्ताधारी दल को ये बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने पुराने अधिकारियों को अपदस्थ करने के बाद इस केस पर नए लोगों को रखकर प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की है।
ये है पूरा मामला
दरअसल सुब्रमण्यन स्वामी ने नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा पर आरोप लगाए थे। स्वामी ने आरोप लगाया था कि, यंग इंडिया लिमिटेड के जरिए गलत तरीके से इसका अधिग्रहण किया गया है और कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपए तक की संपत्ति हथिया ली।
बता दें कि, इस मामले की इन्वेस्टिगेशन 2014 में ईडी की ओर से शुरू की गई थी। कांग्रेस इस मामले को लेकर कहती रही है कि यंग इंडिया लिमिटेड का मकसद प्रॉफिट कमाना नहीं है। बल्कि इसका गठन चैरिटी के लिए किया गया है।