स्याही के हमले के बाद राकेश टिकैत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि ये सरकार की मिलीभगत से किया गया है।

दिल्ली में किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे नेता राकेश टिकैत के ऊपर बेंगलुरु प्रेस क्लब के गांधी भवन में काली स्याही फेंकी गई है. बताया गया है बेंगलुरु में आज करीब एक दर्जन लोगों ने प्रेस मीटिंग में घुसकर किसान नेता राकेश टिकैत पर स्याही फेंकी. जिस वक्त उन पर स्याही फेंकी गई तब वो मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ लोगों ने बहस शुरू कर दी और उन पर काली स्याही फेंक दी और कुर्सियां भी फेंकनी शुरू कर दीं। राकेश टिकैत के अनुसार स्याही फेंकने और हंगामा करने वाले किसान नेता चंद्रशेखर के समर्थक थे। स्याही के हमले के बाद राकेश टिकैत ने राज्य की बीजेपी सरकार पर कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा प्रदान नहीं करने का आरोप लगाया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा कि यहां स्थानीय पुलिस की ओर से कोई सुरक्षा प्रदान नहीं की गई थी। ये सरकार की मिलीभगत से किया गया है। हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन ने कहा कि काली स्याही फेंकने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
हम स्याही से डरने वाले नहीं- सावित मलिक
वहीं किसान सभा के अध्यक्ष अवनीश पवार ने कहा कि जो भी हुआ उसकी जांच होनी चाहिए। किसान यूनियन के महासचिव सावित मलिक ने कह कि किसानों पर तो लाठीचार्ज तक हुआ है, हम स्याही से डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली में गाजीपुर सीमा पर सालभर से चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सबसे आगे थे। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की विचारधारा से भटकने का आरोप लगा है।
भारतीय किसान यूनियन ने हाल ही में असली संगठन होने का दावा करने वाले एक अलग समूह के साथ विभाजित हो गया और राजेश चौहान को नया मुखिया नियुक्त किया। साथ ही नरेश टिकैत को अध्यक्ष पद और राकेश टिकैत को प्रवक्ता पद से हटा दिया।