दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 26 मई को शपथ ग्रहण कर ली। लेकिन इस दौरान एक अजीब घटनाक्रम हो गया। बैठने के लिए कुर्सी नहीं मिलने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन नाराज होकर शपथ ग्रहण समारोह से चले गए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद डॉ. हर्षवर्धन गुरुवार को दिल्ली के नए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से नाराज होकर वापस लौट गए. दरअसल, कार्यक्रम में उनको जिस जगह बैठाया जा रहा था, उससे वो संतुष्ट नहीं थे. ऐसे में वो शपथ ग्रहण से पहले ही वापस चले गए.
संसद सदस्यों के लिए इन्होंने सीट नहीं रखी
शपथग्रहण समारोह में LG की शपथ से पहले ही डॉ. हर्षवर्धन वहां से निकल गए। जब मीडिया ने उनसे पूछा, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा-“‘संसद सदस्यों के लिए इन्होंने सीट नहीं रखी हुई है।” डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी जोड़ा कि वे इस बारे में उपराज्यपाल को पत्र लिखेंगे। हालांकि कहा जा रहा है कि डॉ. हर्षवर्धन को जिस जगह पर बैठाया जा रहा था, वहां वे बैठना नहीं चाहते थे। शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन संघी ने विनय कुमार सक्सेना को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे।
वापस लौटते हुए सांसद ने कही ये बात
बिना कार्यक्रम पूरा हुए वापस लौटने के संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने पत्रकारों से कहा कि संसद सदस्यों तक के लिए इन्होंने सीट नहीं रखी हुई है. यह कहते हुए वो नाराज होकर समारोह से चलते बने.
सोफा लगाने की कवायद शुरू
हालांकि, जाने से पहले हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को कहा कि वो बदइंतज़ामी की शिकायत उपराज्यपाल से करेंगे. उन्होंने कहा – ‘ मैं विनय सक्सेना को इस बारे में लिखूंगा.’ इधर, उनके कार्यक्रम से इस कदर नाराज होकर जाने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. खबर है कि अब उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण स्थल पर सोफे लगाए जा रहे हैं. मेहमानों के नाराज होने के बाद ये कवायद की गई है.
मुख्य न्यायाधीश उपराज्यपाल को दिलाई शपथ
बता दें कि राजनिवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के 22वें एलजी के रूप में विनय सक्सेना शपथ ले ली है. इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली कैबिनेट के सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष, दिल्ली के सभी सांसद और अन्य विशिष्ट लोग मौजूद रहे. दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश उपराज्यपाल को शपथ दिलाई.