टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिवधियों के लिए धन जुटाने का आरोप है. उसपर आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने के साथ-साथ देशद्रोह का भी आरोप है.

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर दोपहर साढ़े तीन बजे फैसला आने जा रहा है। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मलिक ने टेरर फंडिंग केस के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच केस की जांच कर रही एनआईए ने यासीन मलिक को सजा-ए-मौत यानी फांसी की मांग की है। दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
02:50 बजे- यासीन मलिक पर फैसले से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बंद
टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि पुराने शहर के कुछ इलाकों में भी दुकानें बंद रहीं, लेकिन सार्वजनिक परिवहन सामान्य रहा। उन्होंने बताया कि कानून-व्यवस्था की किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए शहर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
@1:30 बजे- फांसी की मांग, यासीन बोला- कोर्ट को जो ठीक लगे
केस की जांच कर रही एनआईए ने टेरर फंडिंग और यूएपीए से जुड़े इस मामले में यासीन मलिक को फांसी की सजा देने की मांग की है।कोर्ट में बचाव और अभियोजन पक्ष की ओर से सजा पर बहस हुई। यासीन के वकील फरहान का कहना है कि कोर्ट रूम में यासीन ने कहा कि वह सजा पर कोई बात नहीं करेगा और कोर्ट दिल खोलकर सजा दे सकती है। जब एनआईए की ओर से यासीन को फांसी की सजा देने की मांग की गई तो वह करीब 10 मिनट तक शांत रहा। यासीन ने साथ ही अदालत से कहा कि जब भी उससे सरेंडर के लिए कहा गया उसने आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट को जैसा ठीक लगे उसके लिए वह तैयार है।
@12:50 बजे- यासीन मलिक के खिलाफ 3:30 बजे होगा सजा का ऐलान
टेरर फंडिंग मामले में अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ कोर्ट दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर फैसला सुनाएगी। पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर सीएपीएफ के स्पेशल सेल के जवानों को तैनात किया गया है। कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इससे कुछ देर पहले यासीन मलिक को कड़ी सुरक्षा के बीच NIA कोर्ट में पेश किया गया। यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। यासीन समेत एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की थी। 30 मई 2017 को जम्मू-कश्मीर में आतंकी और गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नेटवर्क चलाने के आरोप में यासीन पर केस दर्ज हुआ था। एनआईए ने कोर्ट में कहा था कि यासीन के संगठन जेकेएलएफ के अलावा जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबाऔर हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया। सुरक्षाबलों के साथ ही नागरिकों को निशाना बनाया गया। एनआईए ने कोर्ट में कहा कि इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन भी हासिल है।
@12:20 बजे- यासीन मलिक NIA कोर्ट में लाया गया
टेरर फंडिंग केस में सजा सुनाए जाने के लिए अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली में एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। एनआईए कोर्ट ने 19 मई को दोषी ठहराया था। कुछ देर में कोर्ट सजा का ऐलान करेगी।
कोर्ट ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया
इससे पहले विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने 19 मई को मलिक को दोषी करार दिया था और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने को कहा था, ताकि उस पर लगाये जा सकने वाले जुर्माने को निर्धारित किया जा सके। मलिक को अधिकतम सजा के तौर पर मृत्युदंड, जबकि न्यूनतम सजा के तौर पर उम्र कैद सुनाई जा सकती है।
यासीन के अलावा कौन-कौन हैं दोषी
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे.