राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को विस्थापित कर देगा और यूक्रेन में की गई कार्रवाई के समान होगा।

ताइवान को लेकर चीन पर लंबे समय से हमले की अटकलें लगाई जा रही हैं। कई रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि चीन ने हमले की पूरी तैयारी कर ली है और वह किसी भी वक्त ताइवान पर हमला कर सकता है. चीन और ताइवान के संबंध हमेशा से बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। चीन कई बार ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर चुका है। इसकी सीमा के पास युद्ध अभ्यास किया गया है। हालांकि, अब अमेरिकाचीन की किसी भी कार्रवाई को रोकने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका ने जिनपिंग को स्पष्ट चेतावनी दी है। युद्ध से पहले ही अमेरिका ताइवान के लिए सुरक्षा कवच बनकर चीन को संभावित युद्ध का नतीजा बता चुका है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका निश्चित रूप से हस्तक्षेप करेगा। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासी द्वीप की रक्षा का दबाव और भी बढ़ गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग करने का चीन का कदम न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र को विस्थापित कर देगा और यूक्रेन में की गई कार्रवाई के समान होगा।
जापान के दौरे पर बिडेन
अमेरिका का यह बयान पिछले कुछ दशकों में ताइवान के समर्थन में दिए गए सबसे मजबूत बयानों में से एक है। ‘एक चीन’ नीति के तहत, अमेरिका बीजिंग को चीनी सरकार के रूप में मान्यता देता है। ताइवान के साथ उसके राजनयिक संबंध नहीं हैं। हालांकि, ताइवान के साथ उसके अनौपचारिक संपर्क हैं। अमेरिका द्वीप की रक्षा के लिए सैन्य उपकरणों की भी आपूर्ति करता है। बाइडेन ने यह बयान अपने जापान दौरे के दूसरे दिन टोक्यो में बोलते हुए दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ताइवान के प्रति अमेरिकी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बाइडेन ने कहा, ‘हमारी नीति नहीं बदली है’