संगीता साजिथ, जिन्होंने मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी थी, अब नहीं रही। प्रख्यात गायिका का आज तिरुवनंतपुरम में गुर्दे से संबंधित बीमारियों से पीड़ित होने के बाद अपनी बहन के आवास पर निधन हो गया। वह 46 साल की थीं।

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को एक और बड़ा झटका लगा है जिससे पूरे सिनेमा में शोक की लहर दौड़ गई हैं। साउथ की जानी-मानी प्लेबैक सिंगर संगीता साजिथ का निधन हो गया जिससे संगीत जगत को गहरा सदमा लगा है। वहीं महज 46 साल की उम्र में संगीता साजिथ ने दुनिया को अलविदा कह दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, संगीता साजिथ काफी समय से किडनी संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियां हो रही था। वहीं उनका अस्पताल में काफी दिनों से इलाज चल रहा था और इस बीमारी से लड़ते-लड़ते उन्होंने अपनी बहन के घर अंतिम सांस ली। आपको बता दें, साल 1998 की मलयालम फिल्म ‘एन्नु स्वांथम जानकीकुट्टी’ में ‘अंबिली पूवेट्टम…’ गाने से लोकप्रियता हासिल की थी।
तिरुवनंतपुरम में अपनी बहन के घर रह रहीं 46 साल की संगीता साजिथ के निधन पर फिल्म इंडस्ट्री की तमाम हस्तियां और फैंस उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं। फेमस प्लेबैक सिंगर मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में सक्रिय थी और उन्होंने कई भाषाओं में गाने गए थे। संगीता साजिथ ने दक्षिण भारतीय भाषाओं में 200 से ज्यादा गाने गाकर खुद की एक अलग पहचान बनाई थी। पृथ्वीराज अभिनीत ‘कुरुथी’ का थीम गीत मलयालम फिल्म का उनका आखिरी गीत था जिसे लोगों ने खूब पसंद किया था।
सामने आ रही रिपोर्ट के मुताबिक पता चला है कि, उनका अंतिम संस्कार रविवार शाम तिरुवनंतपुरम के थाइकौड में शांतिकावादम सार्वजनिक श्मशान घाट में किया जाएगा। संगीता के हिट गानों में ममूटी-स्टारर ‘पजहस्सिराजा’ में ‘ओडाथंडिल थलम कोट्टम’, रक्किलिपट्टू में धूम धूम धूम दूरेयेथो जैसे कई गाने शामिल हैं। इतना ही नहीं कहा जाता है कि वो साधारण जीवन जीती थी जिसके लोग कायल थे। उनका स्वभाव बेहद ही नर्म था। संगीता साजिथ आज इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी।