निजामाबाद की गलियों से निकलकर निकहत जरीन ने वर्ल्ड चैंपियन बनने का कठिन सफर तय किया है। उन्होंने तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है।

19 मई 2022… इस तारीख को मत भूलना। इस तारीख को सेव करें। क्योंकि जब भी आप इस दिन को याद करेंगे तो सीना चौड़ा हो जाएगा। आंखें खिल उठेंगी। आपको अपने आप पर गर्व होगा। भारत से हजारों किलोमीटर दूर तिरंगा फहराना याद होगा। उसे देखो और दूर हो जाओ। तुर्की के शहर इस्तांबुल के रिंग में भारत की एक बेटी ने अपनी चपेट में ले लिया। वर्ल्ड बॉक्सिंग के रिंग में उनकी ‘क्वीन’ बनने के लिए। वह निजामाबाद की गलियों से निकलकर भारत के बीचों-बीच मिले। उनका सपना आईपीएस बनने का था। लेकिन 13 साल की उम्र में एक अहम सवाल के बदले पिता से मिले जवाब ने उनके जीवन का लक्ष्य ही बदल दिया। पिता ने मजाकिया लहजे में कहा था। लेकिन बेटी ने अपना मन बना लिया था। निकहत ज़रीन विश्व चैंपियन का पुरस्कार उस बुलंद इरादे की हकीकत है। निखत जरीन ने इस्तांबुल में वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के रिंग में 52 किलोग्राम फ्लाईवेट वर्ग में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। फाइनल मैच थाईलैंड के एक मुक्केबाज के साथ था। उनके मुक्कों की पहुंच भी कम नहीं थी। लेकिन, निखत में अपनी रफ्तार थी, जिसने थाई मुक्केबाज को दौड़ने नहीं दिया। नतीजतन, सोना निकहत लाया, और चांदी थाईलैंड से आई। निकहत वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के रिंग में गोल्ड जीतने वाली 5वीं भारतीय महिला हैं। यह निखत के बॉक्सिंग करियर का अब तक का सबसे बड़ा मेडल है।