बल्ख प्रांत के पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी के हवाले से बताया गया कि सुबह विस्फोट से असैन्य कर्मचारियों की एक मिनी बस को निशाना बनाया गया।

तालिबान शासित अफगानिस्तान में एक बार फिर बम विस्फोट की घटना सामने आई है। विस्फोट की घटना मजार-ए-शरीफ शहर में हुई। मजार-ए-शरीफ हुआ। गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि इस बम विस्फोट में कम से कम तीन लोग घायल हुए हैं. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पीड़ित राष्ट्रीय सेना की 209 अल-फतह बटालियन के नागरिक कर्मचारी थे और सभी घायलों को सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
रिपोर्ट में ने प्रांत के पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरी के हवाले से बताया कि सुबह असैन्य कर्मचारियों की एक मिनी बस को निशाना बनाया गया. गौरतलब है कि 28 अप्रैल को अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत के मजार-ए-शरीफ इलाके में दो धमाके हुए थे. इसमें 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि 13 लोगों के घायल होने की खबर है. स्थानीय मीडिया ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया कि धमाका बल्ख प्रांत के मजार-ए-शरीफ इलाके में हुआ. दोनों धमाकों में सार्वजनिक परिवहन को निशाना बनाया गया। इस धमाके के बाद इलाके में कोहराम मच गया.
मजार-ए-शरीफ में पहले भी हुआ था धमाका
गौरतलब है कि इससे पहले 21 अप्रैल को मजार-ए-शरीफ में धमाका हुआ था, जिसमें 30 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी. इस्लामिक स्टेट ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी। दरअसल, 21 अप्रैल को अफगानिस्तान में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। इन धमाकों में 10 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कम से कम 40 लोग घायल हो गए। हालांकि बाद में मरने वालों की संख्या 30 हो गई थी। वहीं, राजधानी काबुल में उसी दिन सड़क किनारे हुए विस्फोट में दो बच्चे घायल हो गए थे।
हाल के दिनों में हुई विस्फोट की कई घटनाएं
आपको बता दें कि अफगानिस्तान से आए दिन विस्फोटों की घटनाएं सामने आती रहती हैं। 29 अप्रैल को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक मस्जिद में हुए भीषण विस्फोट में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 20 लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि मुस्लिम पवित्र महीने रमजान के आखिरी शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए थे और खलीफा आगा गुल जान मस्जिद खचाखच भरी हुई थी। आपको बता दें कि हाल के दिनों में अफगानिस्तान में कई विस्फोट हुए हैं और मस्जिदों पर इस तरह के हमलों में देश के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की कोशिश की जाती है.