ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है. यह व्रत करने से अपार धन और यश मिलता है. आइए जानते हैं अपरा एकादशी व्रत के पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में.

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। प्रत्येक माह में दो एकादशी तिथि आती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस तरह से पूरे वर्ष में 24 एकादशी तिथि होती है। प्रत्येक एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। माह और तिथि के आधार पर प्रत्येक एकादशी का अलग-अलग महत्व होता है। ज्येष्ठ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इसे अचला एकादशी भी कहते हैं। इस साल अपरा एकादशी का व्रत 26 जून 2022, दिन गुरुवार को किया जाएगा। धार्मिक मान्यता अनुसार, अपरा एकादशी का व्रत नियम और निष्ठा से करने से सभी पापों का नाश होता है। ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और पापों से मुक्ति मिलती है। तो चलिए जानते हैं अपरा एकादशी व्रत का महत्व, तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में.
अपरा एकादशी व्रत 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. एकादशी की तिथि 25 मई, बुधवार सुबह 10 बजकर 32 से आरंभ होगी और 26 मई 2022, गुरुवार सुबह 10 बजकर 54 मिनट पर तिथि का समापन होगा.
उदयातिथि के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत 26 मई के दिन रखा जाएगा. व्रत के पारण का समय 27 मई शुक्रवार प्रातः 05 बजकर 30 मिनट से लेकर 08 बजकर 05 मिनट तक है.
अपरा एकादशी व्रत 2022 का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार अपरा एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है.इस दिन विधिपूर्वक व्रत करने से व्यक्ति प्रेतयोनि से मुक्ति पाता है. वहीं, इसे मोक्षदायनी भी कहा जाता है. इस व्रत रखने से मृत्यु के बाद व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति को अपाप पुण्य लाभ मिलता है. जीवन में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और धन, वैभव और आरोग्य प्राप्त होता है.