पाकिस्तान में चीनी परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर हमले बढ़ते जा रहे हैं। इस मामले में पाकिस्तान में एक महिला को गिरफ्तार किया गया है.

पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने खुफिया सूचनाओं के आधार पर दक्षिण-पश्चिम में निर्माण परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों पर कथित तौर पर हमले की साजिश रचने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तारी की घोषणा बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवाद निरोधी विभाग ने की। विभाग ने एक बयान में कहा कि महिला बलूचिस्तान अलगाववादी संगठन द बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की सदस्य है।
इसी संगठन ने 26 अप्रैल को एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसने कराची विश्वविद्यालय में तीन चीनी शिक्षकों और उनके पाकिस्तानी ड्राइवर की हत्या कर दी थी। गिरफ्तारी पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने अपने चीनी समकक्ष ली किंग के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान अप्रैल में हुई हत्याओं पर संवेदना व्यक्त की और पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने का वादा किया।
शैरी बलूच ने चार लोगों की हत्या की
इससे पहले अप्रैल में एक महिला आत्मघाती हमलावर शैरी बलूच ने देश के सबसे बड़े शहर पर हमला किया था और चार लोगों की हत्या कर दी थी। शैरी एक विवाहित महिला और विज्ञान की शिक्षिका थीं। उसके दो बच्चे हैं। शैरी बछोल बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की पहली महिला आत्मघाती हमलावर हैं जिन्होंने चीनी नागरिकों को मारने के लिए खुद को विस्फोट कर लिया। इस घटना ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया था. शैरी एक उच्च शिक्षित परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता एक सरकारी अधिकारी हैं जबकि उनके पति एक डॉक्टर हैं।
शाहबाज शरीफ ने चीन को दिया आश्वासन
घटना के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने चीनी प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी। दरअसल, चीन की नजर बलूचिस्तान समेत पाकिस्तान के अन्य जगहों के संसाधनों पर है। इन्हीं संसाधनों के लिए वह यहां हर तरह के प्रोजेक्ट चला रहे हैं। जिसका काम चीनी नागरिक भी कर रहे हैं. यही कारण है कि बलूचिस्तान के लोग अपने संसाधनों को बचाने के लिए चीनी नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। इससे पहले पिछले साल भी दसू में चीनी इंजीनियरों से भरी बस को निशाना बनाया गया था। जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई। इस पर चीन ने पाकिस्तान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। दोनों देशों के संबंधों में भी खटास आ गई थी। इसके बाद कई मौकों पर पाकिस्तान ने चीन की नाराजगी को शांत करने की कोशिश की थी।