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हर बार सीने में दर्द गैस की वजह से नहीं होता, इन लक्षणों से समझिए गैस और दिल के दर्द में क्या फर्क है

अक्सर लोग सीने के दर्द को गैस का दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जो उनके जीवन के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यहां जानिए वे लक्षण जो आपके लिए सीने में दर्द और गैस के दर्द के बीच अंतर को समझना आसान बना सकते हैं।

आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, मोटापा जैसी समस्याएं होना आम बात हो गई है. ये सभी समस्याएं हमारी खराब जीवनशैली के कारण हैं और खराब आहार और हृदय रोग का परिणाम हैं, हृदय रोग अक्सर लोग ऐसी समस्याओं को जानकर भी अपनी जीवन शैली में बदलाव नहीं करते हैं, इसीलिए आजकल लोगों को दिल का दौरा हो रहा है। कम उम्र में दिल का दौरा आ रहा है। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या है तो समय रहते जागरूक हो जाएं और अपनी जीवनशैली में सुधार करें। नहीं तो आपके लिए परेशानी बढ़ सकती है। यहां जानिए वो बातें जो आपके लिए मददगार साबित हो सकती हैं।

सीने में दर्द हमेशा गैस के कारण नहीं होता

अक्सर जब लोगों को सीने में दर्द होता है तो वे खुद इसे गैस की वजह से होने वाला दर्द समझते हैं। यह उनके लिए घातक साबित हो सकता है। जानकारों के मुताबिक हर बार सीने में दर्द गैस का नहीं होता। कभी-कभी यह हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण भी हो सकता है। ऐसे में अगर आप सीने के दर्द को गैस का दर्द समझकर नजरअंदाज करेंगे तो स्थिति आपके लिए घातक हो सकती है। ऐसी समस्या में आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। यदि आप अस्पताल नहीं जा सकते हैं, तो अपने पारिवारिक चिकित्सक से परामर्श लें। लेकिन सीने के दर्द को हल्के में न लें।

गैस दर्द और दिल के दर्द में अंतर समझें

गैस के कारण होने वाला दर्द अक्सर खाना खाने के तुरंत बाद या लंबे समय तक खाली पेट रहने के कारण होता है। इसमें छाती के बीच में या ऊपरी छाती में दर्द या जलन का अहसास हो सकता है। वहीं, सीने के बाएं हिस्से में दिल का दर्द होता है। यह दर्द बायें कंधे और बायें हाथ के बाजू में भी जाता है। ऐसे में मरीज को कई बार सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और पसीना आने लगता है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर से सलाह लें।

इन समस्याओं से बढ़ जाता है दिल के दर्द का खतरा

‘उच्च रक्त चाप

, मोटापा

, मधुमेह

, गलत आहार

, अत्यधिक शराब का सेवन

क्या करें

कम से कम एक घंटे तक नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालें।

30 की उम्र के बाद समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहें।

अत्यधिक चिकना और बाहरी भोजन खाने से बचें।

नमक का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।

, शराब और सिगरेट जैसे किसी भी तरह के नशीले पदार्थों से दूर रहें।

, यदि आप बीपी या मधुमेह की दवा ले रहे हैं, तो इसे नियमित रूप से लें।

सांस लेने में तकलीफ और चलते समय अत्यधिक थकान महसूस होना भी दिल की समस्याओं का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।

, यदि आपके घर में हृदय संबंधी बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है, तो समय-समय पर ईसीजी, इको जैसे बुनियादी परीक्षण करवाएं।

चक्कर आना, बेहोशी भी दिल की समस्याओं से जुड़े लक्षण हैं। ऐसा कोई भी लक्षण नजर आने को नजरअंदाज न करें और तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं।

किसी भी गंभीर बीमारी से ठीक होने के बाद फॉलो-अप बहुत जरूरी है, ताकि दोबारा वही बीमारी या उसकी जगह कोई और बीमारी होने का खतरा न हो।

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Pooja Pandey

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