भारतीय रेलवे ने यूक्रेन को 16 मिलियन अमरीकी डालर की कुल लागत के लिए 36, 000 पहियों का ऑर्डर दिया है। यूक्रेन में युद्ध के कारण विनिर्माण प्रभावित होने के कारण, दो वंदे भारत रेक के पहिए अब येलहंका, बैंगलोर में रेलवे व्हील फैक्ट्री में बनाए जाएंगे।

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के कारण ट्रेन के पहियों का आयात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने अब वंदे भारत ट्रेन के पहियों का निर्माण बेंगलुरू में ही करने का फैसला किया है. आपको बता दें कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजनाओं में से एक है और रेलवे इसे शेड्यूल के मुताबिक आगे ले जाना चाहता है. सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन से 128 पहियों की पहली खेप सड़क मार्ग से उसके पड़ोसी देश रोमानिया तक पहुंचाई गई है और फिलहाल वे वहीं फंसी हुई हैं. उन्होंने कहा कि इस खेप के मई के तीसरे सप्ताह तक विमान से भारत लाए जाने की उम्मीद है.
रेलवे ने यूक्रेन को 36,000 पहियों का ऑर्डर दिया है
बता दें कि भारतीय रेलवे ने यूक्रेन को कुल 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर में 36 हजार पहियों का ऑर्डर दिया है। यूक्रेन में युद्ध के कारण विनिर्माण प्रभावित होने के कारण, दो वंदे भारत रेक के पहिए अब येलहंका, बैंगलोर में रेलवे व्हील फैक्ट्री में बनाए जाएंगे। वंदे भारत एक्सप्रेस के एक रैक में कुल 16 डिब्बे होते हैं। सूत्रों ने बताया कि रेलवे व्हील फैक्ट्री ने इन पहियों के लिए आवश्यक पुर्जों के लिए टेंडर जारी कर दिया है और अगले दो-तीन महीनों में उत्पादन पूरा होने की उम्मीद है।
भारतीय रेलवे 60-70% पहियों का आयात करता है
रेल व्हील फैक्ट्री इन पहियों के लिए एक्सल बनाती रही है। यहां तक कि आयातित पहियों के एक्सल भी यहां बनाए जाते हैं। रेलवे के इस फैसले से ट्रेन के पहियों के आयात पर निर्भरता कम करने में भी मदद मिलेगी। बता दें कि फिलहाल भारतीय रेलवे अपने 60-70 फीसदी पहियों का आयात करता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनें विकसित की जाएंगी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित समय सीमा के अनुसार, 15 अगस्त, 2023 तक ऐसी 75 ट्रेनें चलाने का लक्ष्य है।
जल्द पटरी पर दौड़ेगी स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस
फिलहाल पटरियों पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में सोने की सुविधा नहीं है। वंदे भारत में बैठकर ही यात्रा की जा सकती है। लेकिन जल्द ही स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस भी देश की पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी। मौजूदा वंदे भारत एक्सप्रेस की फैन फॉलोइंग को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है।