आचार्य चाणक्य को नीति शास्त्र में कई चीजों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। ऐसा न करने पर भविष्य में पछताना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं ये चीजें।

आर्चाय चाणक्य की नीतियां आज के समय में भी कारगर साबित होती हैं। आचार्य चाणक्य राजनीति और कुटनीति में कुशल होने के साथ ही योग्य शिक्षक भी थे। आज भी लोग आचार्य चाणक्य की नीतियों पर चलकर सफलता हासिल करते हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में ऐसे लोगों के बारे भी बताया जिनके साथ रहने से नुकसान हो सकता है। ऐसे लोगों से तुरंत दूरी बना लेनी चाहिए। आइए जानते हैं किन लोगों के साथ रहना नुकसानदायक हो सकता है।
बुरे कर्मों में लिप्त व्यक्ति से दूरी बना लें
आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो बुरे कर्मों में लिप्त होते हैं। ऐसे लोगों के साथ रहने से अपयश मिलता है और धन, मान- सम्मान की हानि भी होती है।
हर समय दुखी रहने वाले लोगों से दूर रहें
कुछ लोगों हमेशा दुखी रहते हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों के अनुसार ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए जो हमेशा दुखी रहते हैं। सुख- दुख जीवन का हिस्सा है। हर परिस्थिति में सामान्य रहना चाहिए।
नकारात्मक विचार वाले लोगों से दूर रहें
जो लोग हमेशा नकारात्मक विचार रखते हैं उनसे दूर रहना चाहिए। ऐसे लोगों के साथ रहने से हमारे मन भी नकारात्मक विचार आने लगते हैं। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है।
निर्दयी धर्म
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे धर्म का त्याग करना चाहिए जो निर्दयी हो। जो धर्म दया नहीं सिखाता, लोगों की मदद नहीं करना सिखाता और किसी की मदद नहीं करता, उसे छोड़ देना चाहिए। ऐसे धर्म का पालन करो जो भक्ति के मार्ग पर चलने के साथ-साथ मानवता भी सिखाए।
ज्ञानविहीन गुरु
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे गुरु से दूर रहें जो स्वयं ज्ञानी न हो। जिस गुरु को धर्म और कर्तव्य का ज्ञान न हो, उसे उससे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इससे आपको जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होगा। यह जीवन को सुधारने के बजाय खराब कर देगा।