नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड ओडिशा सरकार की दो कंपनियों ओएमसी और आईपीआईसीओएल का एक संयुक्त उद्यम है जिसमें 4 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां MMTC, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम, भेल और मेकॉन लिमिटेड शामिल हैं।

टाटा समूह एयर इंडिया घाटे में चल रही एक और सरकारी कंपनी को खरीदने वाली है। टाटा समूह की कंपनी टाटा स्टील, सरकारी कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड का अधिग्रहण किया जाएगा। टाटा स्टील के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा, कंपनी चालू तिमाही के अंत तक एनआईएनएल का अधिग्रहण पूरा कर लेगी। एनआईएनएल का यह अधिग्रहण टाटा स्टील के लिए एक बड़ा उत्पाद परिसर बनाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। आपको बता दें कि टाटा ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई और अपने नाम कर लिया।
कंपनी पर 6600 करोड़ रुपये बकाया है
31 मार्च 2021 तक एनआईएनएल पर 6,600 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें प्रमोटरों का 4,116 करोड़ रुपये का बकाया भी शामिल है। बैंकों का 1,741 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें लेनदारों और कर्मचारियों का पैसा भी शामिल है। 31 मार्च, 2021 तक एनआईएनएल की निवल संपत्ति 3,487 करोड़ रुपये है और कंपनी को 4,228 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह भारत में किसी राज्य के स्वामित्व वाली स्टील कंपनी का पहला निजीकरण है।
एनआईएनएल के सभी कर्मचारी अपनी कंपनी में बने रहेंगे जिसके लिए शेयर खरीद समझौता किया गया है। इस समझौते के तहत, खरीदार कंपनी कर्मचारियों के लिए 1 वर्ष की लॉक-इन अवधि बनाए रखने के लिए बाध्य है। इस दौरान नई कंपनी कर्मचारियों की छंटनी नहीं कर सकती है। टीएसएलपी को वीआरएस शब्द का पालन करना होगा जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लिए निर्धारित है। अगर बेचने वाली कंपनी ने अपने किसी कर्मचारी के लिए वीआरएस का नियम लागू किया है तो खरीदने वाली कंपनी को भी इस नियम का पालन करना होगा।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पूरी होगी प्रोसेस
नरेंद्रन ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनआईएनएल का अधिग्रहण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पूरा हो जाएगा और हम अपने उच्च मूल्य वाले खुदरा व्यापार के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए इसे तेजी से बढ़ाएंगे।’’ गौरतलब है कि टाटा स्टील ने 31 जनवरी को ओड़िशा की इस्पात विनिर्माता कंपनी एनआईएनएल की 12,100 करोड़ रुपये में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीने के लिए बोली जीतने की घोषणा की थी।