केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली

गर्मी में देखने को मिली अजीबोगरीब घटना, हर 5 KM पर बदल रहा तापमान

दिल्ली के यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार को तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज कराया गया था जो राजधानी में उस दिन सबसे ज्यादा था.

उत्तर भारत में पिछले कुछ हफ्तों से गर्मी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी में गौर करने वाली बात ये है कि कुछ शहरी केंद्र आपस में थोड़ी दूरी पर होने के बावजूद एक दूसरे से ज्यादा गर्म होते हुए नजर आ रहे हैं. कुछ वैज्ञानिक इस घटना को ऊष्मा-द्वीप प्रभाव यानी कि हिट Island इफेक्ट का प्रभाव कहते हैं.

10 किमी में भी बदल रहा तापमान

यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शनिवार को तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज कराया गया था जो राजधानी में उस दिन सबसे ज्यादा था. जबकि मयूर विहार, जो यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से सिर्फ 10 किमी से भी कम की दूरी पर है, उसका तापमान शहर में सबसे कम 42.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

दिल्ली के ही इलाकों में भारी अंतर

जैसे-जैसे देश में चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं का कहर जारी है, वैसे ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक अजीबोगरीब घटना देखने को मिली है. यहां पर सबसे अधिक और सबसे कम तापमान वाले स्थान एक दूसरे से 10 किमी से कम दूरी के भीतर हैं. ऐसे ही बीते गुरुवार को दो जगहों की ये दूरी और भी कम थी- कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेशन में जहां पारा 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज कराया गया था वहीं मयूर विहार में 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, ये दोनों स्टेशन आपस में 5 किमी से भी कम दूरी पर हैं.

वैज्ञानिकों ने बताया ये कारण

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के एक वैज्ञानिक आर. के. जेनामानी इतनी कम दूरी के भीतर तापमान में आते हुए इस अंतर को ‘हीट आइलैंड इफेक्ट’ का परिणाम बता रहे हैं. मौसम विभाग के वैज्ञानिक जेनामनी ने कहा कि यह ‘हीट आइलैंड इफेक्ट’ शहरी क्षेत्रों में दिन के तापमान को 8 डिग्री तक बढ़ा देता है. नतीजन, मुश्किल से 300 मीटर की दूरी वाले जगहों में ही तापमान में काफी फर्क देखने को मिलता है.

क्या है ये हिट द्वीप इफेक्ट?

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी वेबसाइट के मुताबिक, ज्यादातर मानव निर्मित संरचनाओं वाले शहरी केंद्र अन्य बाहरी क्षेत्रों की तुलना में उच्च तापमान के ‘द्वीप’ बन जाते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इमारतें, सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे प्राकृति से उपलब्ध कराए गए चीज जैसे जल निकायों और हरे आवरणों के मुकाबले में सूर्य की गर्मी को ज्यादा सोखते हैं और वापस उसे उत्सर्जित करते हैं. इसी प्रक्रिया को हिट द्वीप इफेक्ट कहा जाता है.

इन इलाकों में दिख रहा भारी अंतर

जेनामनी ने ये भी बताया कि अगर आप लोधी गार्डन के बीच में थर्मामीटर लगाते हैं, तो आप देखेंगे कि यह आसपास के कुछ क्षेत्रों से 6-8 डिग्री तक कम है. उन्होंने बाद में इसका कारण बताया कि ऐसा लोधी गार्डन के चारों ओर लगे घने पेड़ पौधों के कारण होता है. ये पेड़-पौधे ज्यादातर गर्मी को सोख लेते हैं और वापस उत्सर्जित नही करते हैं. यही वजह है कि मयूर विहार से 4 किमी से भी कम दूरी पर स्थित अक्षरधाम में काफी अधिक तापमान दर्ज किया जाता है. भले ही उसके पास में एक जल निकाय यमुना बैंक हो.

जेनामनी ने कहा अक्षरधाम क्षेत्र में कोई पेड़ नहीं हैं और यमुना नदी, जो एक किलोमीटर दूर है, वो भी हरे-भरे पेड़ पौधों के बिना उच्च तापमान से राहत दिलाने में मदद नहीं करेगी. मयूर विहार में तापमान में कमी इस वजह से होती है क्योंकि इसके आस-पास संजय झील है और वन क्षेत्र भी ज्यादा होने के कारण मयूर विहार का तापमान शहर के बाकी हिस्सों की तुलना में आमतौर पर कम होता है.

122 साल में सबसे गर्म मौसम

संजय झील त्रिलोकपुरी में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित एक आर्टिफिशियल झील है, जो मयूर विहार फेज 2 से जुड़ती है. इस साल हमारा देश एक तीव्र और प्रारंभिक, हीटवेव के बीच में है. देश की प्रमुख मौसम एजेंसी आईएमडी के मुताबिक, यह मार्च 122 साल में सबसे गर्म रहा. देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में तापमान वर्तमान में 46 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ रहा है और देश में पहले ही चार हीटवेव देखी जा चुकी हैं – जिनमें से दो अकेले मार्च में हैं.

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Pooja Pandey

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