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ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को पार करने के लिए दिल्ली-मेरठ मुख्य मार्ग पर बना 75 मीटर का स्पेशल पुल, जानें क्या है खास

दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और चरण पूरा हुआ. इसी के साथ अब रेल लाइन बिछाने जैसे काम तुरंत शुरू किए जा सकेंगे. इस विशेष पुल का वजन करीब 875 टन है.

एनएचएआई ने मंगलवार रात 12 बजे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल के इंटरचेंज को खोल दिया। इंटरचेंज खुलने से मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल पर वाहनों का आना-जाना शुरू हो गया। अब मेरठ से वाया एक्सप्रेसवे लोग आसानी से आगरा, गुरुग्राम, जयपुर, लुधियाना और दूसरे शहरों को आ-जा सकते हैं। अभी तक इंटरचेंज बंद होने से वाहन इस्टर्न पेरिफेरल पर नहीं चढ़ पा रहे थे। यह इंटरचेंज डासना के पास कुशलिया में बना है। 

डासना-कुशलिया के पास मेरठ एक्सप्रेसवे, इस्टर्न पेरिफेरल के ऊपर से निकल रहा है। एनएचएआई ने यहां इंटरचेंज का निर्माण कराया है ताकि वाहन चालक एक-दूसरे एक्सप्रेसवे पर सफर कर सके। उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए पांच स्थानों पर रैंप बनाए हैं। इससे यह लाभ होगा कि वाहन चालक रास्ता नहीं भटक सकेंगे। रास्ता बदलने में आसानी होगी। एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने देर रात बताया कि पांच रैंप से इस्टर्न पेरिफेरल से एक्सप्रेस-वे जुड़ गया है।

सटीक है निर्माण

इस स्पेशल स्टील स्पैन का निर्माण इतना सटीक है कि इसके लगने के बाद किसी अन्य निर्माण की जरूरत नहीं है. यह बिल्कुल तैयार है और इसकी स्थापना के बाद, ट्रैक बिछाने और ओएचई लगाने जैसे काम अब तुरंत शुरू किए जा सकते हैं. इस विशेष स्टील स्पैन को लगाने के साथ ही दिल्ली से मेरठ के बीच भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण का एक और पड़ाव पूरा हुआ है. इस स्पैन को मिलाकर अब तक दिल्ली मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 5 स्पेशल स्टील स्पैन लगाए गए हैं, जिनमें एक 73 मीटर लंबा स्पेशल स्पैन रेलवे की मुख्य रेललाइन पर वसुंधरा में, 150 मीटर लंबा एक स्टील स्पैन गाजियाबाद स्टेशन के पास, दो 45 मीटर लंबे स्टील स्पैन दुहाई डिपो की ओर जा रहे आरआरटीएस वायाडक्ट के लिए और ये 73 मीटर लंबा स्पैन ईपीई को पार करने के लिये बनाए गए हैं.

क्यों होता है इसका इस्तेमाल

आरआरटीएस कॉरिडोर के एलिवेटेड वायडक्ट के निर्माण के लिए एनसीआरटीसी आमतौर पर औसतन 34 मीटर की दूरी पर पिलर्स खड़ा करता है. जिसके बाद लॉन्चिंग गैन्ट्री इन पर आरआरटीएस के वायाडक्ट का निर्माण करती हैं. हालांकि, कुछ जटिल क्षेत्रों में जहां कॉरिडोर नदियों, पुलों, रेल क्रॉसिंग, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेसवे या ऐसे अन्य मौजूदा बुनियादी ढांचे को पार कर रहा है, वहां पिलर्स के बीच इस दूरी को बनाए रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है.
ऐसे क्षेत्रों में पिलर्स को जोड़ने के लिए विशेष स्टील स्पैन का उपयोग किया जा रहा है. विशेष स्टील स्पैन विशाल संरचनाएं हैं, जिनमें संरचनात्मक स्टील से बने बीम होते हैं. एनसीआरटीसी कारखानों में स्ट्रक्चरल स्टील से बने विशेष स्पैन का निर्माण कर रहा है, जिसे किसी भी ट्रैफिक समस्या से बचने के लिए रात के दौरान ट्रेलरों पर लाद कर साइट पर ले जाया जाता है और विशेष प्रक्रिया की मदद से व्यवस्थित तरीके से आपस में जोड़ा जाता है. इन स्टील स्पैन के आकार और संरचना को निर्माण, स्थापना और उपयोग की सभी आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष तौर पर डिजाइन किया जाता है.

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Pooja Pandey

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