फतेहपुर में पति की मौत के बाद एंबुलेंस न मिलने पर एक महिला ने अपने पैसे की एंबुलेंस अस्पताल को दान कर दी है. जानकारी के मुताबिक फतेहपुर की रहने वाली इस महिला ने पेंशन और बचत के पैसे से 10 लाख रुपये पाकर एंबुलेंस खरीदी.

राजस्थान के फतेहपुर शेखावाटी में स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिए एक महिला ने अनोखे तरीके से काम किया है. एंबुलेंस न मिलने से पति की मौत के बाद अस्पताल को अपने ही पैसे की एंबुलेंस दान में दी है. मिली जानकारी के अनुसार फतेहपुर की रहने वाली इस महिला ने पेंशन और बचत के पैसे से जोड़ा और 10 लाख रुपये पाकर एक एंबुलेंस खरीदी जो गांव के अस्पताल में दी गई है. दरअसल, 4 साल पहले नीमकाथाना निवासी धर्मा देवी के पति रिटायर्ड सूबेदार को अचानक दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें लेने के लिए तुरंत एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की जा सकी और समय पर एम्बुलेंस उपलब्ध न होने के कारण सूबेदार को अस्पताल नहीं ले जाया जा सका, जिसके कारण कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई। सूबेदार की पत्नी धर्मा देवी ने उसी दिन तय कर लिया था कि वह गांव के अस्पताल के लिए एंबुलेंस खरीदेगी।
10 लाख एंबुलेंस खरीदकर अस्पताल को सौंपी
महिला ने बताया कि पति की मौत के बाद उसने एंबुलेंस के लिए पैसे जोड़ने शुरू कर दिए थे, जिसके बाद अब 10 लाख रुपये होने के बाद उसने एंबुलेंस खरीदी है जिसे गांव के अस्पताल को सौंप दिया गया है. महिला का कहना है कि एंबुलेंस नहीं होने से किसी के साथ कोई अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए.
धर्मा देवी के बेटे और सरपंच शेर सिंह तंवर ने बताया कि उनके पिता रावत सिंह तंवर को 4 साल पहले दिल का दौरा पड़ा था और रात होने के कारण उस समय एम्बुलेंस या वाहन नहीं मिला और अस्पताल पहुंचने में देरी के कारण उनकी मौत हो गई. बेटे के मुताबिक पिता की मौत के बाद ही उसकी मां धर्मा देवी और भाइयों ने गांव के लिए एंबुलेंस खरीदने का संकल्प लिया था.