देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का वित्तीय प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष में काफी अच्छा रहा है। मार्च 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में पहली बार कंपनी की आय 50,000 करोड़ रुपये को पार कर गई है।

देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन पिछले वित्त वर्ष में काफी अच्छा रहा है। कंपनी की आय पहली बार मार्च 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में 50,000 करोड़ रुपये को पार कर गई है। टीसीएस ने सोमवार को शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कहा कि उसका शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में है। -मार्च वित्त वर्ष 2021-22 में सालाना आधार पर 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 9,926 करोड़ रुपये हो गया है। चौथी तिमाही में कंपनी की आय 15.8 प्रतिशत बढ़कर 50,591 करोड़ रुपये हो गई। कई विश्लेषक उम्मीद कर रहे थे कि टाटा समूह की प्रमुख कंपनी को 10,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ और 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी।
कंपनी ने कहा कि अगर मार्जिन 1.89 फीसदी से 25 फीसदी तक प्रभावित नहीं हुआ होता, तो शुद्ध लाभ पहली बार पांच के आंकड़े को पार कर जाता। टीसीएस की सालाना आय 25 अरब डॉलर को पार कर गई है।
FY22 में कंपनी का लाभ कितना था?
रुपये में यह 16.8 प्रतिशत बढ़कर 1,91,754 करोड़ रुपये हो गया है। पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का मुनाफा 14.8 फीसदी बढ़कर 38,327 करोड़ रुपये हो गया है। तिमाही आधार पर कंपनी की कमाई लगातार करेंसी के आधार पर 3.2 फीसदी बढ़ी।
इसके अलावा आपको बता दें कि भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने एक साल में नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाया है। मार्च 2022 तक इस कंपनी ने एक साल में 1,03,546 लोगों को नौकरी दी है। पिछले साल की तुलना में इस साल 40,000 अधिक लोगों को नौकरी दी गई है। तिमाही में नौकरियों की संख्या पर नजर डालें तो टीसीएस ने उसमें भी रिकॉर्ड बनाया है। इस कंपनी ने एक तिमाही में अब तक के सबसे अधिक 35,209 कर्मचारियों को रोजगार दिया है। टीसीएस के इस कदम से पता चलता है कि आईटी सेवा का भविष्य उज्ज्वल है और लोगों को इस क्षेत्र में अच्छी नौकरी मिल रही है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज फ्रेशर्स को पूरा मौका देती रही है। यह उनके आंकड़ों से जाहिर होता है। वित्त वर्ष 2022 में टीसीएस ने 78,000 नए लोगों यानी फ्रेशर्स को मौका दिया जो पिछले साल के मुकाबले 40,000 ज्यादा है। हालांकि, एट्रिशन रेट के चलते कंपनी को दो-चार होना पड़ा। कंपनी की एट्रिशन रेट एक ही तिमाही में बढ़कर 17.4 फीसदी हो गई, जो साल की शुरुआत में 8.6 फीसदी और दिसंबर 2021 तिमाही में 11.9 फीसदी थी।