रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिन की भारत यात्रा पर गुरुवार को दिल्ली आएंगे. विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि कर दी है. लेकिन ये नहीं बताया कि इस दौरान लावरोव भारत में किस-किससे मुलाकात करेंगे.

सरकार ने आज कहा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव कल से दो दिवसीय यात्रा पर भारत आएंगे। यूक्रेन पर व्लादिमीर पुतिन के हमले के बाद से यह मॉस्को की सर्वोच्च स्तरीय यात्रा होगी। सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “रूसी संघ के विदेश मंत्री, महामहिम श्री सर्गेई लावरोव 31 मार्च -1 अप्रैल 2022 को नई दिल्ली का आधिकारिक दौरा करेंगे।”लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान यूक्रेन युद्ध और भारत के रूस से व्यापार को लेकर बातचीत हो सकती है. रूसी विदेश मंत्री की ये यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर दुनिया के तमाम देशों ने कड़ी पाबंदियां लगा रखी हैं. लावरोव रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत आने वाले सबसे बड़े रूसी अधिकारी हैं.
ब्रिटिश अमेरिका अधिकारी भी भारत में
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस वक्त चीन की दो दिन की यात्रा पर हैं. वहां से अपना दौरा खत्म करके वह भारत आएंगे. बता दें कि 31 मार्च को ही ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस और अमेरिका के डिप्टी नैशनल सिक्योरिटी एडवाइजर दलीप सिंह भी दिल्ली आ रहे हैं. दलीप सिंह अमेरिका में अर्थव्यवस्था से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मामले भी देखते हैं. लावरोव की बात करें तो यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस के बाहर किसी देश की उनकी यह तीसरी यात्रा है. इससे पहले वह यूक्रेन से बातचीत के लिए तुर्की गए थे. अब चीन और भारत का दौरा कर रहे हैं.
रूस से सस्ते में सामान खरीद रहा है भारत
रूसी विदेश मंत्री के भारत दौरे पर दुनिया भर की निगाहें हैं. तमाम देश टकटकी लगाए देख रहे हैं कि रूस से कारोबार को लेकर भारत क्या रुख अपनाता है. भारत पहले ही बेहद सस्ते दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीदने का सौदा कर चुका है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के तमाम देशों की अपीलों को नजरअंदाज करके भारत ने रूस से एक करोड़ 30 लाख बैरल क्रूड ऑयल खरीदने की डील कर ली है, जबकि 2021 में पूरे साल में उससे एक करोड़ 60 लाख बैरल तेल ही खरीदा गया था. यही नहीं, भारत ने यूक्रेन से सप्लाई बंद होने के बाद रूस को अप्रैल में 45 हजार टन सनफ्लावर ऑयल (Sunflower oil) भेजने का ठेका भी दिया है. पिछले साल भारत ने एक महीने में 20 हजार टन सूरजमुखी का तेल ही खरीदा था. भारत रूस से स्टील बनाने में काम आने वाला कोकिंग कोल का आयात भी दोगुना करने की तैयारी में हैं.
आर्थिक चोट की धार कुंद करने में रूस मांग रहा मदद
रूस अमेरिका आदि देशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों की मार से बचने के लिए भारत को बेहद सस्ते दाम पर सामान बेच रहा है. इंटरनैशनल पेमेंट सिस्टम SWIFT के तहत डॉलर में पेमेंट लेने पर रोक की वजह से भी उसकी आर्थिक स्थिति को गहरी चोट पहुंची है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि रूसी विदेश मंत्री भारत से इस मसले पर भी बात कर सकते हैं कि वह रूसी सामान खरीदने के एवज में उसे पेमेंट रूपये या रूसी मुद्रा रूबल में करे. अगर ऐसा होता है तो रूस को पाबंदियों में काफी राहत मिल जाएगी.