प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय सहयोग एक बड़ी प्राथमिकता बन गया है, क्योंकि चल रहे रूस-यूक्रेन संकट ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में आभासी संबोधन में ‘अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता के बारे में सवाल उठाए हैं’। उन्होंने कहा, “यूरोप में हाल के घटनाक्रम ने अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता के बारे में सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में, क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गया है। आज हम अपने समूह के लिए संस्थान की संरचना विकसित करने के लिए बिम्सटेक चार्टर को अपना रहे हैं। हम नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। हम आपराधिक मामलों पर आपसी कानूनी सहायता पर एक संधि पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, ”बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों का आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें। भारत अपने परिचालन बजट को बढ़ाने के लिए (बिम्सटेक) सचिवालय को 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान करेगा। सचिवालय की क्षमता को मजबूत करना महत्वपूर्ण है, मेरा सुझाव है कि महासचिव उसी के लिए एक रोडमैप तैयार करें।”
यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने चिंता बढ़ाई
पीएम मोदी ने कहा कि यूरोप में हाल के घटनाक्रमों ने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस संदर्भ में क्षेत्रीय सहयोग करना एक बड़ी प्राथमिकता बन गई है। आज हम अपने समूह के लिए संस्थान की संरचना विकसित करने के लिए बिम्सटेक चार्टर अपना रहे हैं ताकि आने वाले समय में हमारी स्थिति मजबूत रहे।
बिम्सटेक के बजट को बढ़ाने के लिए भारत 7.6 करोड़ रुपये देगा
पीएम ने कहा कि बिम्सटेक के बजट को बढ़ाने के लिए भारत 7.6 करोड़ रुपये देगा। बजट बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बिम्सटेक सचिवालय की क्षमता को मजबूत करना है। मेरा सुझाव है कि महासचिव इसके लिए एक रोडमैप तैयार करें।
बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करेंगे
पीएम मोदी ने कहा कि हम नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित बिम्सटेक छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दायरे का विस्तार और विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। हम आपराधिक मामलों के लिए आपसी कानूनी सहायता पर एक संधि पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं।
बिम्सटेक FTA के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे आपसी व्यापार को बढ़ाने के लिए बिम्सटेक एफटीए के प्रस्ताव पर शीघ्र प्रगति करना आवश्यक है। हमें अपने देशों के उद्यमियों और स्टार्टअपके बीच आदान-प्रदान भी बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ हमें ट्रेड फ़ैसिलिटेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मानदंड को अपनाने का भी प्रयत्न करना चाहिए।
बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया
पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल की खाड़ी को संपर्क, समृद्धि और सुरक्षा का पुल बनाने का समय आ गया है। मैं सभी बिम्सटेक देशों का आह्वान करता हूं कि वे 1997 में एक साथ हासिल किए गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए उत्साह के साथ काम करने के लिए खुद को समर्पित करें।
श्रीलंका कर रहा बिम्सटेक की मेजबानी
शिखर सम्मेलन की मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा की जा रही है।इस शिखर सम्मेलन का विषय बिम्सटेक-एक क्षमतावान क्षेत्र, समृद्ध अर्थव्यवस्था और स्वस्थ लोग हैं। बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी सुरक्षा सहयोग जैसे मुद्दे पर चर्चा करेंगे। इसका वर्तमान उद्देश्य आतंकवाद का मुकाबला करने और हिंसक उग्रवाद को रोकने के लिए मजबूत कानूनी मानदंड स्थापित करने पर है। साथ ही कानूनी ढांचे और आपसी साझेदारी को बढ़ावा देने वाले तंत्र की स्थापना करना है जो कि प्रवर्तन एजेंसियों के बीच करीबी सहयोग की सुविधा मुहैया करा सके।
बिम्सटेक में ये देश हैं शामिल
बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी के देशों पर केंद्रित एक क्षेत्रीय सहयोग मंच है। इसका विकास भारत के प्रयास पर जून 1997 में ‘बिस्ट-ईसी’ समूह बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग की स्थापना के साथ शुरू हुआ था। बाद में म्यांमार, नेपाल और भूटान के प्रवेश के बाद ‘बिम्सटेक’ समूह गठित हुआ।
बिम्सटेक चार्टर अपनाएंगे देश
आज आयोजित किए जाने वाले कोलंबो शिखर सम्मेलन में सदस्य देश बिम्सटेक चार्टर को अपनाएंगे जिससे कि बिम्सटेक को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिल सके। साथ ही औपचारिक रूप से इसके उद्देश्यों और सिद्धांतों को परिभाषित किया जाएगा।