दक्षिण कोरिया और जापान ने बताया है कि 2017 के बाद उत्तर कोरिया ने पहली बार प्रतिबंधित इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. यह मिसाइल जापान के दक्षिण में उसके जलक्षेत्र में गिरी.

उत्तर कोरिया मिसाइल दागकर दुनिया को डराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब उसके पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया ने इसका पर्दाफाश कर दिया है. दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल लॉन्च करने का नाटक किया, जिसे विश्लेषक ‘राक्षस मिसाइल’ बता रहे हैं। दरअसल यह वही इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हथियार है, जिसका उन्होंने साल 2017 में परीक्षण किया था।
पिछले हफ्ते मॉन्स्टर मिसाइल लॉन्च करने की खबर सामने आई थी। उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने ह्वासोंग-17 मिसाइल का परीक्षण किया है। जो लंबी दूरी का आईसीबीएम हथियार है। इसे लेकर विशेषज्ञों ने दावा किया था कि इस पर एक साथ कई हथियार तैनात किए जा सकते हैं। इसका पहली बार 2020 की सैन्य परेड में अनावरण किया गया था। अब दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सियोल और वाशिंगटन इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह असल में ह्वासोंग-15 मिसाइल थी। यानी वही आईसीबीएम हथियार, जिसका 2017 में परीक्षण किया गया था।
ह्वासोंग-15 हथियार लॉन्च किया गया
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, ‘अमेरिका और दक्षिण कोरियाई खुफिया को पता चला है कि 24 मार्च को जो आग लगी थी वह ह्वासोंग-15 हथियार थी।’ आईसीबीएम के दोनों हथियार अमेरिका को मार गिराने में सक्षम हैं। दक्षिण कोरिया और जापान ने उस समय अलग-अलग पुष्टि की थी कि 24 मार्च की मिसाइल ने पिछले किसी भी परीक्षण की तुलना में लंबी और लंबी उड़ान भरी थी। लेकिन बाद में विश्लेषकों ने उत्तर कोरिया को लेकर संशय व्यक्त किया।
मिसाइल लॉन्च ड्रामा क्यों हुआ?
माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल लॉन्च करने की फर्जी घोषणा की ताकि वह 16 मार्च को किए गए असफल लॉन्च से जनता का ध्यान भटका सके। जानकारों ने बताया था कि उत्तर कोरिया द्वारा लॉन्च की गई ह्वासोंग-17 मिसाइल में कुछ ही देर बाद विस्फोट हो गया। सियोल की वेबसाइट एनके न्यूज के मुताबिक, फेल मिसाइल का मलबा प्लॉन्गयांग के अंदर या उसके पास गिरा।