पिछले साल टोक्यो ओलंपिक 2020 के निराशाजनक नतीजों के बाद से दीपिका कुमारी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं, जिससे उनके भविष्य पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

टोक्यो ओलिंपिक 2020 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही भारत की शीर्ष तीरंदाज दीपिका कुमारी के लिए आर्चरी रेंज में वक्त अच्छा नहीं गुजर रहा है. बेहतर प्रदर्शन के लिए जूझ रहीं, दीपिका को अब और बड़ा झटका लगा है. वह इस साल होने वाले एशियन गेम्स में अपना दम नहीं दिखा पाएंगी. दुनिया की दूसरे नंबर की तीरंदाज दीपिका पिछले 12 साल में पहली बार एशियन गेम्स के लिये भारतीय टीम में नहीं दिखेंगी. इन खेलों के लिए टीम में जगह बनाने के लिए हुए ट्रायल में दीपिका सफलता हासिल करने से चूक गई और इसके कारण एशियाड के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने में नाकाम रही है. दीपिका के अलावा उनके पति अतनु दास भी ट्रायल में असफल रहे.
वर्ल्ड चैंपियनशिप में कई मेडल जीत चुकी दीपिका पिछले साल टोक्यो ओलिंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही थीं. विश्व कप में दीपिका के नाम 11 स्वर्ण, 12 रजत और सात कांस्य पदक हैं, लेकिन ओलिंपिक में वह आज तक एक बार भी पदक नहीं जीत सकी हैं. सिर्फ विश्व कप ही नहीं, बल्कि 2010, 2014 और 2018 एशियाई खेलों में भाग ले चुकी हैं. 2010 में ग्वांग्झू में हुए एशियन गेम्स में तो उन्होंने टीम इवेंट का ब्रॉन्ज जीता था.
राउंड रॉबिन में एक पॉइंट से चूकीं दीपिका
एशियन गेम्स के लिए हरियाणा के सोनीपत में हो रहे ट्रायल में दीपिका को आखिरी चरण के तीन में से दो मुकाबलों में हार मिली. वह शनिवार 26 मार्च को दो चरणों के एलिमिनेशन दौर में पांचवें स्थान पर रही थीं, जिसके बाद उन्हें राउंड रॉबिन खेलना पड़ा और सोमवार 28 मार्च को इसी राउंड रॉबिन में एक पॉइंट से उन्हें हार के बाद गेम्स के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह से हाथ धोना पडा. दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार दीपिका किसी बड़े मल्टी स्पोर्ट इवेंट में नहीं खेल पाएंगी.
भविष्य को लेकर आशंकित
न केवल दीपिका, बल्कि उनके पति और पुरुष वर्ग में भारत के शीर्ष तीरंदाजों में से एक अतनु दास भी इस मुकदमे में विफल रहे और वह भी एशियाड में नहीं जा पाएंगे। अतनु टोक्यो में भी असफल रहे। यही वजह है कि दोनों अनुभवी खिलाड़ी अब अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए दीपिका ने कहा, “यह पूरे साल की छुट्टी है। हमारे पास पूरे साल के लिए कुछ भी नहीं है। हम नहीं जानते कि हम बैठकर क्या करेंगे और एक साल तक घर पर कुछ नहीं करेंगे। हमें इसकी आदत नहीं है। ऐसी स्थिति में। हम पूरी तरह से टूट चुके हैं।”
साथ ही अतनु भी बहुत आशावादी नहीं हैं और जानते हैं कि आगे की राह कठिन है। उन्होंने कहा, “कोई कट-ऑफ स्कोर नहीं है, लेकिन अग्रणी तीरंदाज से 10 अंक पीछे, आप टीम से बाहर हो सकते हैं। लेकिन मुझे पता है कि ये तीरंदाज कितना स्कोर कर सकते हैं, इसलिए हम इस साल अपने मौके को लेकर आश्वस्त नहीं हैं।
एशियाई खेलों के लिए भारतीय टीम
पुरुष रिकर्व टीम: तरुणदीप राय, जयंत तालुकदार, नीरज चौहान, सचिन गुप्ता महिला रिकर्व टीम: रिद्धि फोर, कोमलिका बारी, अंकिता भगत और सिमरनजीत कौर।