बयान में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की फिटनेस जांच के लिए तमाम नए उपकरण भी जोड़े गए हैं। इस पर टिप्पणियों और सुझावों के लिए 30 दिन का समय दिया गया है ताकि इससे जुड़े लोग अपनी राय दे सकें।

केंद्र सरकार वाहनों की फिटनेस जांच के लिए स्थापित होने वाले ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की योग्यता में बदलाव करना चाहती है। रविवार को इसके लिए सरकार ने तमाम सुधारों के साथ एक प्रस्ताव पेश किया। इसके तहत, एक राज्य में पंजीकृत वाहनों का दूसरे राज्य में परीक्षण सक्षम बनाना है. साथ ही सेंटरों को यह भी घोषित करना होगा कि वाहन का समय खत्म हो गया है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्वचालित परीक्षण स्टेशन को मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के लिए नियमों में कुछ संशोधन करने के लिए 25 मार्च, 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की है. इससे पहले इसे 23 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया था.
बयान में कहा गया है कि इनमें कुछ मामूली बदलाव के भी प्रस्ताव किए गए हैं, जो कराए जाने वाले परीक्षणों की सूची और एक एटीएस में लगाए जाने वाले उपकरण के विशेष विवरण उपलब्ध कराते हैं. फिटनेस टेस्ट के परिणामों को भी स्वचालित बनाया गया है ताकि इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी कोई गुंजाइश न रहे. फिटनेस टेस्ट में सीधे वाहनों की जांच के संकेतों को मशीन द्वारा सीधे सर्वर तक भेजे जाएंगे.
इलेक्ट्रिक वाहनों की टेस्टिंग के लिए नए उपकरण जोड़े गए
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के परीक्षण के लिए कुछ नए उपकरणों को भी जोड़ा गया है. परीक्षण के नतीजों के लिए एक मानकीकृत प्रारूप जोड़ा गया है. इसका उद्देश्य वाहनों के मालिकों को सहूलियत देना और कारोबारी सुगमता को प्रोत्साहन देना है. सभी हितधारकों की टिप्पणियों और सुझावों के लिए अधिसूचना 30 दिनों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रहेगी.
अगले साल 1 अप्रैल से वाहनों की होगी फिटनेस टेस्ट
सरकार की योजना अगले साल अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से एटीएस के जरिए वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्य करने की है. आवश्यकता को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. मसौदा अधिसूचना के अनुसार 1 अप्रैल, 2023 से एटीएस के माध्यम से भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए फिटनेस परीक्षण अनिवार्य होगा. मीडियम गुड्स व्हीकल्स और मीडियम पैसेंज मोटर व्हीकल्स और लाइट मोटर व्हीकल्स के मामले में 1 जून 2024 से आवश्यकता अनिवार्य कर दी जाएगी.
पिछले साल, मंत्रालय ने कहा था कि विशेष प्रयोजन वाहनों, राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और व्यक्तियों के निकाय जैसी संस्थाओं को व्यक्तिगत और परिवहन दोनों वाहनों की फिटनेस के परीक्षण के लिए एटीएस खोलने की अनुमति दी जा सकती है. पर्सनल व्हीकल के लिए फिटनेस टेस्टिंग के रिन्यूअल के समय (15 वर्ष के बाद) किया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अगस्त में नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी शुरू की थी और कहा था कि यह प्रदूषण करने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर करने में मदद करेगा और एक सर्कुलर इकोनॉमी को भी बढ़ावा देगा. व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी 1 अप्रैल, 2022 से लागू होगी.