स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान ने कोरोना से होने वाली मौतों पर अजीबोगरीब बयान दिया।

कोरोना से होने वाली मौतों के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग मरीजों की संख्या गिनता है और इलाज की व्यवस्थाएं करता है। जन्म और मृत्यु के पंजीयन का काम उनका नहीं है। उन्होंने यह बात भारत भवन में हो रहे भोपाल लिटरेचर फेस्टिवल में कही। मौका था भोपाल के पूर्व कलेक्टर तरुण पिथौड़े की पुस्तक ‘द बैटल अंगेस्ट कोविड” पर परिचर्चा का। इस दौरान में मो. सुलेमान के अलावा हृदय रोग विशेषज्ञ डा. स्कंद त्रिवेदी मौजूद थे। कार्यक्रम में मौजूद एक व्यक्ति ने तरुण पिथौड़े से पूछा कि कोरोना से होने वाली मौतों का उल्लेख किताब में क्यों नहीं हैं। कोरोना से जितनी मौते हुई हैं वह सामने नहीं आई हैं। इस सवाल पर मंचासीन सुलेमान ने जवाब में कहा कि स्वास्थ्य विभाग का काम लाशें गिनना नहीं है, बल्कि मरीज गिनना है. आईएएस अधिकारी तरुण पिथोड़े ने कोरोना काल के दौरान अलग-अलग तरह के लोगों के सामने आए चैलेंजेस पर किताब लिखी है.
इसी दौरान एसीएस सुलेमान से सवाल किया गया कि क्या कोरोना काल के दौरान मौत की संख्या छुपाई गई थी. इस पर मोहम्मद सुलेमान ने कमेंट किया की डेड बॉडीज गिनना स्वास्थ्य विभाग का काम नहीं है. किसी और का काम है. और सही जवाब के लिए सवाल उन्हीं से किया जाना चाहिए. ताकि जवाब सही मिले. गलत व्यक्ति से सवाल करने पर जवाब गलत ही मिलेगा.
कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग पर उठे थे कई सवाल
कोरोना संक्रमण के दौरान पिछले साल प्रदेश में भी मरने वालों की संख्या को लेकर आरोप लगा था कि सरकार ने आकंडे छुपाए हैं. जबकि मौत का यह आकंडा कही ज्यादा है, इसी को लेकर एसीएस मोहम्मद सुलेमान से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा किसी भी चीज को छिपाने का मकसद नहीं था. ये सच्चाई है कि स्वास्थ्य विभाग डेडबॉडी की गिनती नहीं करता. बल्कि सिर्फ मरीजों की गिनती करता है. डेथ का रजिस्ट्रेशन दूसरा विभाग करता है. उस समय यह हो रहा था कि सवाल गलत जगह पूछा जा रहा था, इसलिए जवाब भी गलत आ रहा था. ये उस समय का चैलेंज था.
दरअसल आईएएस तरुण पिथोड़े ने कोरोना संक्रमण पर किताब लिखी है. कोरोना के शुरुआती दौर में भोपाल कलेक्टर रहे तरुण पिथोड़े ने देश भर के ब्यूरोक्रेट्स के कोरोना काल के अनुभवों को लेकर किताब लिखी है. फेस्टिवल में इस पर चर्चा के लिए एसीएस मो. सुलेमान, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. स्कंद त्रिवेदी ने तरुण पिथोडे से चर्चा की. इसी चर्चा के दौरान पूछा गया कि कोरोना संक्रमण के दौरान आकंडों में इतना अंतर सामने आखिर कैसे आया स्वास्थ्य विभाग ने आकंडे कुछ बताए जबकि शमशान घाट में जलाए गए शवों की संख्या कुछ और कहानी बयां कर रही थी.
कोरोना की पहली लहर में भोपाल कलेक्टर थे पिथोड़े
इसी के जवाब में पहले आईएएस तरुण पिथोड़े ने जवाब दिया और फिर एसीएस सुलेमान ने जवाब दिया. आईएएस तरुण ने अपनी किताब में खुद के अनुभवों के साथ यूपी, बिहार, उत्तराखंड सहित कई राज्यों के आईएएस अधिकारियों के अनुभव भी शामिल किया है. तरुण कोविड की पहली लहर के दौरान भोपाल कलेक्टर थे और इसके पहले राजगढ़, सीहोर, बैतूल कलेक्टर भी रह चुके हैं.