महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र की बीजेपी नीत सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना राग दोहराया था. उन्होंने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का हल होने तक क्षेत्र में शांति नहीं आएगी और इसके लिए जम्मू कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान के साथ वार्ता करना जरूरी है.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के “कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत” वाले बयान पर अब वार-प्रतिवार का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी समेत कई पार्टी के नेताओं ने उनके इस बयान की आलोचना की है. उन्होंने कहा था कि कश्मीर में तब तक शांति बहाल नहीं होगी, जब तक कि केंद्र सरकार पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों से बात नहीं करती. उनके इस आह्वान पर अब केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि बंदूक और गोलियों के बिना ही बातचीत हो सकती है.
जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘बीजेपी अपने देश के लोगों से बात करेगी या किसी विदेशी भूमि के लोगों से?’ उन्होंने कहा कि बातचीत तभी हो सकती है जब बंदूक और गोलियों की आवाज न हो. इससे पहले, बिहार के उद्योग मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने भी महबूबा मुफ्ती पर उनके इस बयान को लेकर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि महबूबा मुफ्ती बताएं कि पाकिस्तान से बात क्यों करनी चाहिए? इसके पीछे क्या दबाब है?’
आतंकवादियों के मरने पर आंसू बहाती हैं महबूबा
शाहनवाज ने कहा था कि पाकिस्तान में तो अभी सरकार का ही पता नहीं चल रहा. कब तक इमरान खान वहां प्रधानमंत्री रहेंगे इसका भी कुछ पता ही नहीं है. ऐसे में सरकार कंगाल खान से क्या बात करेगी?’ उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती आखिर ऐसा क्यों कह रही हैं कि पाकिस्तान से बात करें. वह तो खुद आतंकवादियों के मरने पर आंसू बहाती हैं. वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने मुफ्ती के बहाने बीजेपी पर निशाना साधा. राउत ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख इस तरह की टिप्पणी कर सकती हैं, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने उनकी पार्टी के साथ पूववर्ती जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाकर उनके जैसे लोगों को मजबूत करने का काम किया.
राउत ने पीडीपी के साथ बीजेपी पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी किसी समय बीजेपी की ‘दोस्त’ थी. पीडीपी शुरू से ही पाकिस्तान समर्थक रही है और आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखती है. राउत ने कहा कि मुफ्ती ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का समर्थन किया था. फिर भी बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर में उनकी पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी. राउत ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘अब वही महबूबा मुफ्ती कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए पाकिस्तान से बातचीत चाहती हैं. यह BJP का ही पाप है.’ मालूम हो कि पीडीपी और बीजेपी साल 2015 में जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए एक साथ आए थे, लेकिन यह गठबंधन जून 2018 में टूट गया था.
मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र की बीजेपी नीत सरकार से पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ बातचीत का अपना राग दोहराया था. उन्होंने कहा था कि कश्मीर पिछले 70 वर्षों से एक समाधान का इंतजार कर रहा है. कश्मीर मुद्दे का हल होने तक क्षेत्र में शांति नहीं आएगी और इसके लिए जम्मू कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान के साथ वार्ता करना जरूरी है.