ब्रिटेन पहले ही यूक्रेन को 4,000 से अधिक टैंक-रोधी हथियार भेज चुका है. इसमें अगली पीढ़ी के लाइट एंटी-टैंक वेपन सिस्टम्स और तथाकथित जेवलिन मिसाइल शामिल हैं.

रूस संग युद्ध के बीच यूक्रेन को पश्चिमी मुल्कों से लगातार आर्थिक और सैन्य मदद मिल रही है. इसी कड़ी में युद्धग्रस्त यूक्रेन की मदद करने के लिए ब्रिटेन उसे हजार और मिसाइल की आपूर्ति करने की योजना बना रहा है. दरअसल, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पश्चिमी देशों के नेताओं से यूक्रेन को सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह किया था. इसके तहत यूक्रेन की सरकार को कई हजार मिसाइलों की आपूर्ति की जाएगी. दोनों मुल्कों के बीच युद्ध 29वें दिन में प्रवेश कर चुका है. इस युद्ध में अब तक बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है.
बोरिस जॉनसन गुरुवार को उत्तर अटलांटिक संधि संगठन और सात विकसित देशों के समूह जी-7 के नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए ब्रसेल्स जा रहे हैं. इस यात्रा के दौरान वह यूक्रेन को ब्रिटेनकी ओर से दी जाने वाली सैन्य सहायता के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकते हैं. इसके तहत यूक्रेन को टैंक-रोधी और उच्च-विस्फोटक हथियारों से युक्त 6,000 और मिसाइल दी जाएंगी. जॉनसन ने कहा, ‘ब्रिटेन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगा. इस लड़ाई में हम यूक्रेन की सेना को मजबूत करना चाहते हैं.’
बॉडी आर्मर, हेलमेट और जूते की भी हुई सप्लाई
गौरतलब है कि ब्रिटेन पहले ही यूक्रेन को 4,000 से अधिक टैंक-रोधी हथियार भेज चुका है. इसमें अगली पीढ़ी के लाइट एंटी-टैंक वेपन सिस्टम्स और तथाकथित जेवलिन मिसाइल शामिल हैं. ब्रिटिश सरकार हवाई बमबारी का मुकाबला करने में मदद करने के लिए स्टारस्ट्रेक हाई-वेलोसिटी एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों की आपूर्ति कर रही है. साथ ही बॉडी आर्मर, हेलमेट और जूते भी यूक्रेन को मुहैया कराए गए हैं. यूक्रेन को रूस के हमले को रोकने में मदद करने के लिए इन हथियारों की लगातार सप्लाई हो रही है. ब्रिटेन की सरकार ने कहा कि वह रूस और यूक्रेन में फैलाई जा रही गलत जानकारियों के प्रभाव को रोकने के लिए बीबीसी को 53 लाख डॉलर की मदद भी करेगी.
रूस ने यूक्रेन में किया युद्ध अपराध
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में रूसी सैन्यबलों ने यूक्रेन में असैन्य ठिकानों पर प्रहार कर एवं निर्मम हिंसा कर युद्ध अपराध किया है. रूस की इस हिंसक कार्रवाई में वहां जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. रूसी सैन्यबलों ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया. उससे तीन दिन पहले रूस ने दोनेत्सक और लुहांस्क को स्वतंत्र निकाय के रूप में मान्यता दी थी. रूसी सैनिकों ने उन क्षेत्रों को निशाना बनाया है, जहां अपार्टमेंट भवन, विद्यालय एवं अस्पताल हैं एवं आम लोग रहते हैं.